90 दिन की होती है कठोर ट्रेनिंग के बाद बनते हैं ‘ब्लैक कैट कमांडो’, चयन प्रक्रिया से लेकर सैलरी तक जानिए हर डिटेल इस खबर में

नई दिल्ली: भारत में आपने अक्सर वीआईपी लोगों की सुरक्षा में लगे ब्लैक कैट कमांडोज को देखा होगा। ब्लैक कलर की ड्रेस पहने ये कमांडो दुश्मन को सेकंड में धराशायी करने की क्षमता रखते हैं। ये शारीरिक और मानसिक रूप से इतने मजबूत होते हैं कि 1 ब्लैक कैट कमांडो 10 लोगों पर भारी पड़ता है। कई महीनों की कड़ी ट्रेनिंग और अनुशासन के बाद बनता है एक ब्लैक कैट कमांडो।

कौन होते हैं ब्लैक कैट कमांडोज?
ये भारतीय सेनाओं की अलग-अलग बटालियन से चुने हुए जवान होते हैं। ये कमांडोज राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड का हिस्सा होते हैं। एनएसजी भारतीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली देश की एक स्पेशल आतंकवाद विरोधी इकाई है। इस फोर्स का गठन साल 1984 में किया गया था। देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री समेत सभी वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा का जिम्मा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के पास ही होता है।

कैसे होता है इन कमांडोज का चयन?
अगर इस फोर्स में चयन की बात करें, तो इसके लिए कोई सीधी भर्ती की प्रक्रिया नहीं है। इसके लिए चुनिंदा जवानों का चयन आर्मी और अर्ध सैनिक बलों की रिजीमेंट्स से किया जाता है। इस फोर्स में करीब 53 फीसदी जवानों का चयन इंडियन आर्मी से होता है। इसके अलावा 47 फीसदी चयन अर्ध सैनिक बलों सीआरपीएफ, आईटीबीपी, आरएएफ और बीएसएफ से किया जाता है।

90 दिन की होती है कठोर ट्रेनिंग
इसकी चयन प्रक्रिया भारतीय सेना की सामान्य चयन प्रक्रिया से एकदम अलग होती है। विभिन्न फोर्स से चुने हुए जवानों को सबसे पहले एक कठिन परीक्षा से गुजरना होता है। जो दरअसल, 1 हफ्ते की कठोर ट्रेनिंग होती है। ये ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि इसमें 80 फीसदी जवान फेल हो जाते हैं। इस दौरान करीब 20 फीसदी जवान ही अगले चरण में पहुंचते हैं। अंतिम राउंड के टेस्ट तक ये संख्या केवल 15 फीसदी ही रह जाती है।

चयन के बाद शुरू होता है सबसे कठिन सफर
अंतिम चयन के बाद शुरू होता है, सबसे कठिन दौर। ये पूरे 3 महीने यानी 90 दिनों की ट्रेनिंग होती है। इस दौरान जवानों को फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग दौरान शुरुआत एक कमांडो बनाने के लिए इन जवानों की योग्यता केवल 40 फीसदी तक ही होती है, लेकिन अंत आते-आते ये 90 फीसदी तक पहुंच जाते हैं। इस दौरान इन्हें बैटल असॉल्ट ऑब्सक्टल कोर्स और सीटीसीसी काउंटर टेररिस्ट कंडिशनिंग कोर्स की भी ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि सबसे अंत में साइकॉलोजिकल टेस्ट होता है।

क्या काम करते हैं NSG कमांडो
ब्लैक कैट कमांडोज या फिर एनएसजी कमांडो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में काम करने के लिए जाने जाते हैं। देश में जब भी कोई आतंकी हमला या फिर कोई बड़ी घटना घटती है एनएसजी कमांडो इस दौरान सबसे आगे होते हैं। मुंबई में हुए 26ध्11 आंतकी हमले के दौरान भी इन्हीं कमांडोज ने आखिर तक मोर्चा संभाला था।

कितनी मिलती है सैलरी श्ब्लैक कैट कमांडो को?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएसजी कमांडो की मासिक सैलरी 84 हजार रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक होती है। औसत सैलरी की बात करें, तो ये करीब 1.5 लाख रुपये प्रति महीने होती है। इसके अलावा इन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।

खबर को शेयर करें