इंदौर:
शहर के एक निजी अस्पताल में 113 वर्षीय बुजुर्ग मरीज का कूल्हा प्रत्यारोपण (हिप रिप्लेसमेंट) किया गया। यह पहला मौका है, जब इतनी उम्र के किसी मरीज की यह सर्जरी की गई। संभवत: मप्र में भी यह अपनी तरह का पहला मामला है। मरीज की हालत अब ठीक है और वह खुद चलने लगे हैं। ऑपरेशन करने वाली टीम के लीडर डॉ. अखिलेश शुक्ला ने बताया कि मंदसौर निवासी 113 वर्षीय हाजी मोहम्मद की पलंग से गिरने के कारण बाएं कूल्हे की हड्डी टूटकर टुकड़े-टुकड़े हो गई थी।
दर्द के कारण वह बिस्तर पर करवट तक नहीं ले पा रहे थे। इस केस में चुनौती यह थी कि उन्हें पूर्व में हार्ट अटैक भी आ चुका है, जिसका इलाज चल रहा है। आमतौर पर इतनी अधिक उम्र के मरीजों की सर्जरी नहीं हो पाती है, क्योंकि कई तरह की चिकित्सकीय जटिलताएं सामने आ जाती हैं। लेकिन सर्जरी करना इसलिए जरूरी था, क्योंकि मरीज को सेप्सिस होने का खतरा था। वह बिलकुल हिल-डुल नहीं पा रहे थे, इसलिए जोखिम लेकर सर्जरी की। सर्जरी करने वाली टीम में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश पोरवाल, डॉ. अशोक ठाकुर, एनेस्थेटिस्ट डॉ. हेमा प्रभु, डॉ. श्यामवीर यादव, डॉ. इरशाद मंसूरी और टीम का सहयोग रहा। टीम ने मात्र 30 मिनट में सर्जरी की।