JAGDALPUR | धरमपुरा में बन रहा रागी से इडली-डोसा, स्वादिष्ट होने के साथ-साथ काफी सेहतपूर्ण, शहर मे और भी सेंटर खोले जाने का विचार

जगदलपुर: देश मे साउथ इंडियन डिश के काफी लोग दीवाने होते हैं। खासकर डोसा इडली सबकी पंसदीदा व्यंजन होती है और लोग बड़े चाव से इसे खाते हैं लेकिन छत्तीसगढ के बस्तर मे इन दिनो रागी से डोसा, इडली और अप्पे तैयार की जा रही है। जिसे लोग काफी पंसद कर रहे हैं।

रागी से बनी डोसा, इडली स्वादिष्ट होने के साथ साथ काफी सेहतपूर्ण है और खासबात यह है कि प्रदेश मे पहली बार बस्तर मे ही रागी की डोसा तैयार की जा रही है। दरअसल, बस्तर की लघुधान्य रागी से अब तक मंडिया पेज ही तैयार होती थी, और इस मंडिया पेज को ग्रामीणो के साथ साथ शहरवासी और देश दुनिया से बस्तर घुमने आये लोग भी सेवन करते हैं। लेकिन अब इसी रागी से डोसा इडली तैयार किये जाने से बडे चाव से लोग इस खा रहे हैं साथ ही अपनी सेहत भी बना रहे हैं। रागी मे प्रचुर मात्रा मे प्रोटन होने के साथ साथ केल्शियम और मिनरल्स होता है। रागी से शूगर का लेवल भी डाउन रहता है, पोषक तत्व से भरे इस रागी से डोसा बनाये जाने के बाद अब लोग इस डोसा सेंटर मे सुबह से ही लाईन मे लगकर रागी से बनी डोसा डडली का लुत्फ उठा रहे हैं।

कृषि वैज्ञानिकों का अनूठा प्रयास
दरअसल कोदो, कुटकी, रागी बस्तर की लघु धान्य है और बस्तर के हजारो ग्रामीण कई सालों से इसकी खेती कर रहे हैं। लेकिन इसे प्रमोट करने के लिए शासन की ओर से कोई खास प्रयास नही किया जा रहा था, जिसके बाद कृषि वैज्ञानिको के माध्यम से बस्तर मे अनूठा प्रयास हुआ और एक डोसा सेंटर खोला गया। इस डोसा सेंटर मे रागी से बनी इडली, डोसा और अप्पे बनाये जा रहे हैं।

ऐसा प्रयोग पूरे प्रदेश मे पहली बार हुआ है। रागी को लेकर कुछ लोगों की धारणा है कि इसका स्वाद अच्छा नहीं होता लेकिन इस डोसा सेंटर के जरिये विक्रय किये जा रहे इडली डोसा के स्वाद ने इस सोच को बदल दिया है। धरमपूरा कृषि विज्ञान केन्द्र के सामने इस डोसा सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इस सेंटर मे कुक का काम कर रहे राकेश समरथ ने बताया कि जिस तरह से मार्केट मे बिकने वाले इडली डोसा और अप्पे को बनाया जाता है ठीक उसी तरह से केंद्र मे रागी से इडली डोसा बनाया जा रहा है इसका स्वाद लोग बेदह पंसद कर रहे हैं।

पहली बार रागी से बन रहा है इडली-डोसा
बस्तर मे पहली बार इस तरह रागी से डोसा इडली तैयार किया जा रहा है और लोग बडे चाव इसे खा रहे हैं। सेंटर तक पंहुच रहे लोगो का कहना है कि आमूमन डोसा और इडली उडदे की दाल और चावल की आटे से बनती है लेकिन रागी से बनी इस डोसा इडली का स्वाद ही कुछ अलग है। वही कृषि वैज्ञानिक दुष्यंत पाण्डे बताते है कि रागी बस्तर के ग्रामीणो की लघु धान्य है और हजारो साल से ग्रामीण इसकी खेती करते आ रहे हैं।

रागी से ग्रामीण मंडिया पेज बनाते है और इसे खाते है यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। रागी मे भरपूर प्रोटीम, विटामिन, केल्सिंयम, न्यूट्रिशन, मिनरल्स होते है, साथ ही यह शुगर लेवल को भी डाउन करता है, केल्शियम की कमी पाये जाने वाले लोगो के लिए यह रामबाण है, खासकर शुगर पेंशेट भी इस रागी से बने डोसा, इडली का स्वाद चख सकते है।

अन्य जगहों पर भी खुलेंगे रागी डोसा सेंटर
इधर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख संतोष नाग कहना है कि जिस तरह रागी से बन रहे डोसा इडली सेंटर को लोगांे का अच्छा रिस्पौंस मिल रहा है। ऐसे मे आगामी दिनो मे शहर मे और भी सेंटर खोले जा सकते हैं। फिलहाल पूरे छत्तीसगढ प्रदेश मे बस्तर मे ही केवल रागी से डोसा इडली बनायी जा रही है और लोग इसे काफी पंसद भी कर रहे हैं।

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