बिलासपुर: आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल में डेपुटेशन पर बाहरी शिक्षकों की पोस्टिंग पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
राजनांदगांव के मोहम्मद अख्तर और 17 अन्य व्याख्याता, शिक्षकों ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश कर बताया कि छत्तीसगढ के 32 स्कूलों को आत्मानंद उत्कृष्ठ हिन्दी स्कूल के रूप मे परिवर्तित करने का निर्णय लिया है जो कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा संचालित होगी l स्कूल मे पूर्व से कार्यरत शिक्षकों और अन्य स्टाफ को प्रतिनियुक्ति में रखा जा सकता है किन्तु यदि वे अनुपयुक्त है तो अन्य शासकीय स्कूल के शिक्षकों को चयन कर प्रतिनियुक्ति पर रख सकेगी ल राजनांदगांव के गवर्नमेंट हाई स्कूल को भी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड के लिए चयनित किया गया।
उक्त आधार पर स्कूल मे ही कार्यरत व्याख्याता शिक्षकों सहायक शिक्षकों से आत्मानंद स्कूल मे प्रतिनियुक्ति मे कार्य करने हेतु सहमति मांगी गई। इससे अधिकांश स्टाफ ने अपनी सहमति दे दी l इस पर निर्णय के बिना जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव ने अन्य स्कूल के शिक्षकों से प्रतिनियुक्ति से पोस्ट करने हेतु विज्ञापन जारी कर दिया। जिसे याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती दी और बताया कि जब शाला मे ही उपयुक्त शिक्षकों की उपलब्धता है तो अन्य स्कूल से शिक्षकों को बुलाना गलत है और सहमति मंगाने के बाद कोई निर्णय के बिना विज्ञापन जारी कर दिया गया इसके बाद याचिकाकर्ता को बिना कारण सुनवाई अन्य स्कूल में स्थान्तरित किया जाएगा l सुनवाई पाश्चात्य न्यायमूर्ति पी सेम कोशी शासन को नोटिस जारी कर अन्य स्कूल के शिक्षकों से प्रतिनियुक्ति हेतु जारी प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है।