नई दिल्ली: कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने एक और राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नये रोजगार का सृजन हो सके।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 घोषणाएं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है।
उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी बढ़ी है, बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई। शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई है। एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
इसका लक्ष्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठायें। ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी तनख्वाह 15 हजार से कम है तो उनको इस योजना का लाभ मिलेगा। जो लोग अगस्त से सितंबर तक नौकरी में नहीं थे, लेकिन उसके बाद पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
सरकार दो साल तक 1000 तक की संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी। यह 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा। 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में नए कर्मचारी के 12 फीसदी पीएफ योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी। इसमें लगभग 95 फीसदी संस्थान आ जाएंगे और करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा।
आत्मनिर्भर भारत का फायदा
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है।
क्यों आ रहा नया पैकेज
सूत्रों के मुताबिक इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है। सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा। साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आयी है। इससे इकोनॉमी को राहत देने के लिए सरकार कई राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है। लेकिन इन सब राहत पैकेज से अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं। हालांकि अर्थव्यवस्था में हाल में कई संकेतक बड़े सकारात्मक रहे, लेकिन उन्हें त्योहारी सीजन के दौरान होने वाली तात्कालिक बढ़त माना जा रहा है। अभी ट्रैवल, सर्विस सेक्टर जैसे कई सेक्टर की हालत बहुत खराब है।
2 लाख करोड़ के पैकेज का हुआ ऐलान
बुधवार को ही सरकार ने 10 सेक्टरों में मैन्युफैक्चरर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स की घोषणा की है। कोरोना संकट से अभी देश को मुक्ति मिलती नहीं दिख रही। राजधानी दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आये हैं। कई अन्य शहरों में भी कोरोना के मामले बढ़ते देखे गये हैं।