सक्ती: जिले के मांसी थाना क्षेत्र में 13 साल के नाबालिग लड़के ने मोबाइल नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली। बड़ी बात ये है कि नाबालिग ने अपने स्कूल में ही फांसी लगा ली। ग्राम सुलौनी के शासकीय माध्यमिक विद्यालय के कमरे में फांसी के फंदे से लटकता हुआ उसका शव मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
ASP गायत्री सिंह ने बताया कि कक्षा आठवीं में पढ़ने वाला 13 वर्ष का नाबालिग छात्र आदित्य श्रीवास जो कि सुकलीपाली का रहने वाला है, उसने स्कूल में ही खुदकुशी कर ली है। मृतक के पिता शांति श्रीवास ने बताया कि 26 दिसंबर को वह घर आकर मोबाइल लेने की जिद कर रहा था। पिता का कहना है कि उ्होंने मजदूरी का पैसा आने के बाद मोबाइल खरीद देने की बात कही थी। जिस पर वह नाराज हो गया। सोमवार की दोपहर 12 बजे वो घर से निकला था। देर शाम तक भी जब वो घर वापस नहीं लौटा, तो उसकी तलाश शुरू की गई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। परिजनों ने सोचा कि वो मेला देखने के लिए चला गया होगा और रात तक आ जाएगा।
इस बीच स्कूल में भी क्रिसमस की छुट्टियां चल रही थीं। जब 26 दिसंबर की देर रात तक भी छात्र घर वापस नहीं आया, तो परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बजाए अपने स्तर पर ही बच्चे की तलाश करते रहे। रिश्तेदारों के घर जाकर भी उसे ढूंढा गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। 29 दिसंबर को स्कूल खुलने पर जब चपरासी दरवाजा खोलकर अंदर गया, तो कमरे में पंखे के चलने की आवाज सुनी। इसके बाद दरवाजा खोलने की कोशिश की गई, लेकिन वो अंदर से बंद मिला। पीछे की खिड़की से जब क्लास रूम में झांककर देखा गया, तो बच्चे का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था।
सूचना मिलने पर पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। शव की शिनाख्त आदित्य श्रीवास के रूप में की गई। बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। डॉक्टरों ने शव 4 दिन पुरानी बताई है। बच्चे के पिता बाल काटने के साथ-साथ ज्यादा कमाई के लिए मजदूरी भी करते हैं। वहीं स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चा स्कूल के अंदर कैसे घुसा इसकी जांच की जा रही है। हालांकि पुलिस ने आशंका जताई है कि जिस कक्षा में छात्र मे फांसी लगाई है, उसके पीछे की खिड़की का रॉड बीच से खुला हुआ था। इसी से वो कमरे के अंदर घुसा होगा। उसने आत्महत्या के लिए कमरे में रखी टेबल और अपने पास रखे स्कार्फ का इस्तेमाल किया।