बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में इन दिनों अपराधिक घटनाओं में वृद्धि के साथ धार्मिक उन्माद के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है। छोटी-मोटी घटनाओं को राजनीतिक व सांप्रदायिक हिंसा का रूप देने की कोशिश की जा रही है। पिछले दिनों तालापारा क्षेत्र में हुए हत्याकांड के बाद कुछ संगठनों द्वारा सिविल लाइन थाने का घेराव कर धार्मिक उन्माद फैलाने का कोशिश की गई थी। समाज में जहर घोलने, शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के विरोध में सर्वधर्म शांति संगठन के बैनर तले नेहरू चौक में धरना-प्रदर्शन किया गया।
शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन को राजनीतिक दलों के नेताओं सहित कई समाज के लोगों का समर्थन मिला। अपराध, हिंसा व माहौल खराब करने वालों के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। सर्वधर्म शांति संगठन के बैनर तले जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने पुलिस अधीक्षक के नाम एएसपी उमेश कश्यप को ज्ञापन सौंपा। सर्वधर्म शांति संगठन सहित समाज के लोगों ने कहा कि शहर में बढ़ रहे अपराधों को रोका जाए। आपराधिक घटनाओं में जो पुलिसिया जांच चल रही है, उसे भी निष्पक्ष रूप से किया जाए। तथाकथित नेताओं, उन्मादी युवकों द्वारा समाज में घटित होने वाले किसी भी कृत्य को धार्मिक रंग प्रदान कर शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है, उस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। संगठन ने निर्दोष लोगों को इस दबाव की राजनीति से सुरक्षित रखने का आग्रह भी किया।
माहौल खराब करने वालों की खैर नहीं
सर्वधर्म शांति संगठन ने मंच से आरोप लगाया कि कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा समाज में धर्म के नाम पर आपसी भाईचारे को समाप्त कर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। समाज में घटित होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं को कुछ उन्मादी युवकों को साथ लेकर तथाकथित लोग धार्मिक रूप प्रदान करने की कोशिश करते हैं। सर्वधर्म संगठन व शांतिप्रिय शहर की जनता ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। धार्मिक उन्माद फैलाने के मामले में कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। माहौल खराब करने वालों की खैर नहीं है। शहर का हर नागरिक इसके लिए आगे आएगा।
कवर्धा व रायपुर में हुआ था भारी विवाद
बता दें कि तीन अक्टूबर को कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर दो गुटों में झंडा हटाने और लगाने को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद दो युवकों के बीच लाठी-डंडे और चाकू भी चले। घटना ने ऐसा रूप लिया कि दो संप्रदायों के बीच विवाद बढ़ गया। पांच अक्टूबर को पूरे कवर्धा में हिंसक झड़प भी हुई। कई जगहों पर युवकों द्वारा तोड़फोड़ की गई। कवर्धा में कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था। वहीं दिसंबर में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दो संप्रदायों के बीच झंडा हटाने को लेकर भारी विवाद हो गया था। रायपुर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्माद फैलाने वालों पर शिकंजा कसा था और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था।