राकेश पांडे
दंतेवाड़ा: जिले के पोरदेम जंगल में 27 जून को हुई मुठभेड़ में पांच लाख के ईनामी नक्सली संतोष मरकाम को जवानों ने ढेर कर दिया था। जिसके बाद इस मुठभेड़ को नीलावाया सरपंच, समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी सहित अन्य ग्रामीणों ने दंतेवाड़ा पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया था।
मुठभेड़ में मारे गये इनामी नक्सली संतोष मरकाम की जेब से एक खून से सना हुआ खत बरामद हुआ था, जिसे फर्जी मुठभेड़ के आरोप के बाद एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने शुक्रवार देर शाम को सार्वजनिक किया है। यह खत नक्सली गंगी ने संतोष को लिखा है। गोंडी भाषा में लिखे खत में किसी उमेश नाम के व्यक्ति का उल्लेख है, उससे 10-10 हजार रुपये वसूली करने की बात लिखी हुई है। साथ ही खत में उमेश के नहीं मानने पर जन अदालत लगाकर मौत के घाट उतारने की बात भी पत्र में लिखी हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दंतेवाड़ा जिले के अंदरूनी गांवों में जिन ग्रामीणों के पास ट्रैक्टर है।नक्सली उनसे 10-10 हजार रुपये की लेवी वसूली कर रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब दंतेवाड़ा पुलिस के हाथ नक्सलियों का गोंडी बोली में लिखा एक पत्र लगा, जिसे पुलिस ने हिंदी में अनुवाद करवाया है। हार्डकोर महिला नक्सली गंगी ने अपने साथी मृतक नक्सली संतोष को यह पत्र लिखा था। संतोष के एनकाउंटर के बाद उसके जेब से पुलिस ने इस पत्र को बरामद किया है।
उल्लेखननीय है कि नीलावाया सरपंच, समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी सहित ग्रामीणों ने दंतेवाड़ा पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया था। मृतक नक्सली संतोष के परिजन वग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में संतोष मरकाम की हत्या किये जाने की बात लिखी गई है। इन्ही सब आरोपों के कारण नक्सली सन्तोष मरकाम का शव आठ दिनों तक दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में पड़ा रहा। जिसे नौवें दिन परिजन और ग्रामीण लेने पहुंचे थे। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की बात भी कही थी।
दंतेवाड़ा एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने कहा कि मारे गए इनामी नक्सली संतोष के कपड़े से बरामद पत्र में ट्रैक्टर रखने वाले ग्रामीणों से वसूली व नहीं देने वालों के लिए सजा देने की बात लिखी हुई है। यह खत नक्सली गंगी ने संतोष को लिखा है। नक्सली संतोष को कुछ लोग ग्रामीण बता रहे थे। उन्होने बताया कि मृतक नक्सली संतोष नीलावाया हमले का मास्टरमाइंड है, जिसमें एक मीडिया कर्मी सहित तीन पुलिस के जवान शहीद हुए थे। पूर्व जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुड़ामी पर हमले सहित जन अदालत में कई ग्रामीणों की हत्या करने वाला है।