नई दिल्ली: टी-20 वर्ल्डकप की शुरुआत आज से हो रही है। क्रिकेट के इस महासमर में सभी देशों के विस्फोटक खिलाड़ी अपना जलवा दिखाने उतरेंगे और ट्रॉफी जीतकर घर जाना चाहेंगे। आईसीसी ने अब तक छह बार इस टूर्नामेंट का आयोजन किया है और वेस्टइंडीज ने सबसे ज्यादा दो बार यह खिताब अपने नाम किया है। वहीं भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड और श्रीलंका ने एक-एक बार यह टूर्नामेंट जीता है। इस बीच कई खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है। इस साल टी-20 वर्ल्डकप का आयोजन यूएई और ओमान में हो रहा है। इसकी शुरुआत से पहले हम पिछले सभी वर्ल्डकप को याद कर रहे हैं और विजेताओं के बारे में बता रहे हैं।
टी-20 वर्ल्डकप की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित वर्ल्डकप में महेंन्द्र सिंह धोनी ने भारत की युवा टीम की अगुवाई की थी और भारत को विजेता बनाकर लौटे थे। फाइनल मैच में भारत ने पाकिस्तान को पांच रनों से हराया था। इस मैच में गौतम गंभीर ने शानदार 75 रन बनाए थे। वहीं इरफान पठान ने 16 रन देकर तीन विकेट लिए थे और प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी जीता था। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी ने इस टूर्नामेंट में 91 रन बनाए थे और 12 विकेट निकाले थे। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था।
पाकिस्तान को 2007 में हार के बाद ट्रॉफी जीतने के लिए ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा और अगले संस्करण में ही पाक टीम विजेता बनी। साल 2009 में पाकिस्तान ने फाइनल मैच में श्रीलंका को आठ विकेट से हराया और टी-20 वर्ल्डकप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इंग्लैंड में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट में श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलसान ने कमाल की बल्लेबाजी की थी। उन्होंने 317 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता था। वहीं फाइनल में नाबाद 54 रन बनाने वाले शाहिद अफरीदी प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। अफरीदी ने इस मैच में एक विकेट भी लिया था।
साल 2010 में इंग्लैंड की टीम ने टी-20 वर्ल्डकप जीता था। यह पहला मौका था, जब इंग्लैंड ने कोई आईसीसी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। इंग्लैंड ने फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से पटखनी देकर यह खिताब अपने नाम किया था। फाइनल मैच में इंग्लैंड के विकेटकीपर क्रैग कीसवेटर ने 63 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी और प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। वहीं इंग्लैंड के ही केविन पीटरसन को 248 रन बनाने के बदले प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया था।
टी-20 के दिग्गजों से भरी वेस्टइंडीज टीम साल 2012 में क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में चैंपियन बनी थी। वेस्टइंडीज ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में 36 रन से बड़ी जीत दर्ज की थी। कैरिबियाई टीम के लिए मार्लन सैमुअल्स ने 78 रन बनाए थे और एक विकेट भी लिया था। इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन ने इस टूर्नामेंट में 249 रन बनाए थे और 11 विकेट लिए थे। इस वजह से वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे।
साल 2014 में टी-20 वर्ल्डकप का आयोजन बांग्लादेश में हुआ था। इस टूर्नामेंट में श्रीलंका की टीम ने ट्रॉफी अपने नाम की थी। फाइनल मैच में श्रीलंका ने भारत को छह विकेट से हराया था। श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा ने 35 गेंदों में बेहतरीन 52 रन बनाए थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। वहीं भारत के विराट कोहली ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 319 रन बनाए थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता था। इस मैच में मलिंगा और श्रीलंकाई गेंदबाजों ने अंतिम ओवरों में बहुत ही शानदार गेंदबाजी की थी।
साल 2016 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को हराकर दूसरी बार यह टूर्नामेंट अपने नाम किया था। यह पहला मौका था, जब किसी टीम ने दूसरी बार टी-20 वर्ल्डकप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। इससे पहले हर बार टी-20 वर्ल्डकप को नया चैंपियन मिला था। फाइनल मैच में एक बार फिर मार्लन सैमुअल्स ने वेस्टइंडीज की नैया पार लगाई। उन्होंने नाबाद 85 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। वहीं भारत के विराट कोहली ने इस टूर्नामेंट में 273 रन बनाए थे और एक विकेट लिया था। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। हालांकि यह टूर्नामेंट और इसका फाइनल मैच कार्लोस ब्रैथवेट के चार छक्कों के लिए ज्यादा याद किया जाता है।