दुर्ग: जिले में कोरोना के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है। प्रशासन इस बिगड़े हालत पर काबू करने की भरसक कोशिश कर रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण के बाहर है। बीते शुक्रवार को मरच्यूरी से एक भयावह तस्वीर सामने आयी है। यहां 22 शव कोरोना मरीजों के रखे हुए थे। जिसमें 8 शव को फ्रिजर में और शेष 14 को खुले मंे रखा गया था।
मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की शाम 4 के शुक्रवार सुबह 7 बजे तक ये मौतें हुई हैं। जिला अस्पताल में भी शव रखने की जगह नहीं है। प्रशसन अब शव को इधर-उधर जलाने का काम कर रहा है। दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर भुरे ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। खुद सर्तक रहें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें तो ही कोरोना पर काबू पाया जा सकता है।
आपको बता दें कि दुर्ग के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए जगह की कमी हेा रही है इसलिए प्रशासन ने अन्य 2 जगहों का भी चयन किया है, जहां शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। कलेक्टर ने दुर्ग में 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया है। इसके तहत सीमाएं सील करने की कवायद भी प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है।