रायपुर: समय यही कोई दोपहर के बारह बजे होंगे…राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आंबेडकर हास्पिटल के मेन गेट में अफरातफरी मच जाती है। अस्पताल के पोर्च में एक एंबुलेंस आकर रुकती है। जैसे ही एंबुलेंस का ड्राईवर बताता है कि कोविड का सीरियस केस है…अस्पताल का स्टाफ स्ट्रेचर लाने दौड़ पड़ता है।
पेशेंट चूकि गंभीर है, इसलिए मरीज को तुरंत स्ट्रेचर पर लिटा अस्पताल के वार्ड ब्वॉय सीधे आईसीयू की तरफ दौड़ पड़ता है। आईसीयू में पहले से डॉक्टर मुस्तैद हैं। वे तुरंत मरीज को आक्सीजन लगाते हैं…फिर आगे के चेकअप में जुट जाते हैं। इस दौरान मीडिया को जैसे ही भनक मिलती है कि तीसरी लहर का सीरियस मरीज आंबेडकर अस्पताल पहुंचा है, वहां मीडिया वालों का जमावड़ा लग जाता है।
दरअसल, एंबुलेंस में पहुंचा मरीज कोई कोविड का सही मरीज नहीं बल्कि अस्पताल का ही स्टाफ था। और ये पूरा दृश्य भारत सरकार के निर्देश पर कोविड की तैयारियों के लिए किया जाने वाला मॉक ड्रील का हिस्सा था। हेल्थ सिकरेट्री आर प्रसन्ना ने 24 दिसंबर को ही कलेक्टरों को पत्र लिखकर सभी जिला अस्पतालों में तैयारियों का मॉक ड्रील करने का निर्देश दिया था। सिकरेट्री के निर्देश पर आज सभी जिला और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मॉक ड्रील किया गया। स्वास्थ्य मंत्री टीए सिंहदेव वीडियोकांफ्रेंसिंग से मॉक ड्रील को देखा।