BHILAI | नगर निगम भिलाई में कांग्रेस ने बाजी मारी, नीरज पाल महापौर चुने गए, कांग्रेस नेत्री रोते हुए होटल से बाहर आई

भिलाई: छत्तीसगढ़ के बीरगांव, भिलाई-चरोदा और रिसाली निगम के बाद प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े नगर निगम भिलाई में कांग्रेस ने बाजी मार ली। कांग्रेस के नीरज पाल महापौर चुने गए। वहीं सभापति की कमान कांग्रेस के गिरवर बंटी साहू को मिली है। कांग्रेस के नीरज पाल को 44 पार्षदों का समर्थन मिला। वहीं भाजपा के महेश वर्मा के पक्ष में 22 वोट पड़े। निर्दलीय योगेश साहू को चार मत मिले। इस जीत के साथ भिलाई निगम के नीरज पाल पांचवें महापौर चुन लिए गए। वहीं इस चुनाव में उपेक्षा का दर्द भी देखने को मिला। वरिष्ठता के बाद भी नाम नहीं आने से नाराज कांग्रेस नेत्री रोते हुए होटल से बाहर आई। उन्होंने कहा कि पार्टी को ईमानदार कार्यकर्ताओं की कदर नहीं है।   

भिलाई निगम में गुरुवार को कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, जिसके बाद महापौर व सभापति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई। कांग्रेस ने वार्ड क्रमांक 60 के पार्षद नीरज पाल को महापौर तो पार्षद गिरवर बंटी साहू को सभापति के लिए प्रत्याशी घोषित किया। इधर भाजपा से महापौर के लिए महेश वर्मा व सभापति के लिए पी श्याम सुंदर राव ने नामांकन दाखिल किया। निर्दलीय योगेश साहू ने भी महापौर व सभापति के अनिता अजय साहू ने नामांकन दाखिल कर दिया। चुनाव में कांग्रेस के नीरज पाल को 44, भाजपा के महेश वर्मा को 22 व निर्दलीय योगेश साहू 4 पार्षदों का समर्थन मिला। इसी तरह सभापति के लिए कांग्रेस के बंटी गिरवर साहू को 44, भाजपा के श्याम सुंदर राव को 22 व निर्दलीय अनिता अजय साहू को 4 वोट मिले। बता दें कि 23 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में भिलाई के 37 वार्डों में कांग्रेस, 24 वार्डों में भाजपा और 9 वार्डों में निर्दलीय पार्षदों ने जीत हासिल की थी। 

सामान्य वर्ग कहां जाए, रोते हुए होटल से बाहर निकली सुभद्रा
भिलाई निगम में महापौर- सभापति (अध्यक्ष) के लिए जबरदस्त घमासान चला। कांग्रेस से महापौर के लिए नीरज पाल और सभापति के लिए बंटी गिरवर साहू का नाम सामने आते ही कांग्रेस की वरिष्ठ पार्षद सुभद्रा सिंह ने बवाल मचा दिया। उनका कहना था कि भिलाई निगम सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है, तो सामान्य वर्ग को मौका दिया जाए। पिछली बार भी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित महापौर सीट पर ओबीसी वर्ग को टिकट दिया गया। इस बार भी वहीं हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि सामान्य वर्ग कहां जाए? सुभद्रा सिंह रोते हुए होटल से बाहर निकली और कहने लगी कि पार्टी को निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है।   

खबर को शेयर करें