खैरागढ़ उप-चुनाव। कांग्रेस ने कहा- साय के साये में हारेगी बीजेपी, भाजपा ने दिया जवाब- यूपी में तो पिटकर आएं हैं, अपना चेहरा भी देखें

रायपुर: खैरागढ़ उप चुनावों को लेकर अब पूरी ताकत से भाजपा और कांग्रेस जीत की जुगत में लगे हैं। इस बीच सियासी बयानबाजी में दोनों ही दल खुद की जीत का दावा करते नहीं थक रहे। अब कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर सियासी बयानों के तीर छोड़े हैं।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विष्णु देव साय भारतीय जनता पार्टी के ऐसा नेता साबित होने वाले है जिनके नेतृत्व में भाजपा छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक चुनाव हारने का रिकार्ड बनाएगी। खैरागढ़ में भाजपा लगातार चौथा उप चुनाव हारेगी। नगरीय निकाय में भाजपा एक भी महापौर नहीं जिता पाई। पंचायत चुनाव तक में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया। अब कौन से मुद्दों के दम पर विष्णु देव साय खैरागढ़ चुनाव जीतने का सपना देख रहे हैं?

पिटे हुए मोहरों को जिम्मा
सुशील आनंद ने आगे कहा कि भाजपा ने जनता द्वारा नकारे गए, पिटे हुए मोहरों को जिम्मेदारी दी है। ये सारे हारे हुए और भाजपा के सफाए के लिए जिम्मेदार नेता मिलकर खैरागढ़ उप चुनाव में कांग्रेस की विजय पताका फहराने में सहयोगी बनेंगे। कांग्रेस अपनी सरकार के काम और लोकप्रिय मजबूत प्रत्याशी के बूते यह उप चुनाव बेहतर तरीके से जीत रही है। कांग्रेस की जीत को और अधिक चमकदार बनाने का जिम्मा भाजपा ने हारे हुए नेताओं को सौंपकर यह साबित कर दिया है कि उसने चुनाव के पहले ही हार मान ली है।

जो यूपी में पिटकर आए उन्हें कहने का हक नहीं
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में पिटकर आए कांग्रेसियों को अपना चेहरा देखना चाहिए। उन्हें भाजपा प्रत्याशी पर बेतुकी टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं कहा क्योंकि भाजपा के संस्कार ऐसे नहीं हैं कि बिना वजह किसी के सम्मान को आहत करे।

कांग्रेसी भाजपा प्रत्याशी को पिटा हुआ चेहरा बता रहे हैं तो यह उनकी बौखलाहट ही है। वे कोमल जंघेल को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर डर गए हैं। उत्तर प्रदेश में कसरत करने के बावजूद 403 में से सिर्फ 02 सीटें ही कांग्रेस को मिली हैं। अब छत्तीसगढ़ में भी उलटी गिनती शुरू हो गई है और खैरागढ़ में पिटने वाले हैं तो वे पद और राजनीति की गरिमा को जेब में रखकर टीका टिप्पणी करने में लग गए।

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