नई दिल्ली : राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत के आवास पर हुई कांग्रेस विधायकों की मीटिंग से कम से कम 19 विधायक गायब बताए जा रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि सीएम गहलोत के पास 109 विधायकों का समर्थन है लेकिन उनके आवास पर आज हुई बैठक में 100 से भी कम विधायक मौजूद रहे. हालांकि कांग्रेस लगातार राजस्थान सरकार पर उमड़े संकट के बादलों से इंकार कर रही है.
कांग्रेस से नाराज सचिन पायलट
इस बैठक में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी शामिल होने की अपील की गई थी लेकिन वे इस बैठक में शामिल नहीं हुए. दरअसल, पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही एसओजी का नोटिस मिलने के बाद से नाराज बताये जा रहे हैं. उन्हें कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इस बीच, सीएम गहलोत ने रविवार रात 9 बजे विधायकों के साथ बैठक की. इसके बाद गहलोत समर्थक विधायक ने दावा किया कि हमारे जितने विधायक जाएंगे, उससे ज्यादा विधायक हम भाजपा से ले आएंगे.
नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं पायलट
सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट आज नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. कांग्रेस के एक तिहाई विधायकों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. इस तरह प्रदेश में तीसरे मोर्चे का गठन हो सकता है. ‘प्रगतिशील कांग्रेस’ के नाम से तीसरा मोर्चा खड़ा करने की संभावना है.
रणदीप सुरजेवाला बोले : ‘सरकार को अस्थिर करने और बीजेपी को ख़रीद-फरोख्त में मदद करना ठीक नहीं’
सुरजेवाला ने कहा, ”व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन राजस्थान को लोगों की भलाई सबसे बड़ी है. मैं सभी विधायकों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करता हूं इस विधायक दल की बैठक में शामिल हों. हम सब हर बात पर इकट्ठे हैं. कभी-कभी वैचारिक मतभेद पैदा हो जाता है. लेकिन वैचारिक मतभेद के कारण चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने और बीजेपी को ख़रीद-फरोख्त में मदद करना ठीक नहीं है. अगर कोई समस्या है मिलकर बात कीजिए. व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के लिए चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना वाजिब नहीं है. हम हर चीज़ का हल निकालने के लिए खुले मन से तैयार हैं.”
भाजपा ने कहा- कांग्रेस ने खो दिया बहुमत
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया से जब राजस्थान सरकार के मौजूदा संकट के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सचिन पायलट सीएम पद के सही उम्मीदवार थे लेकिन अशोक गहलोत को यह जिम्मेदारी दी गई। तभी से पार्टी में मतभेद की शुरुआत हो गई थी. आज जो भी हो रहा है वह उसी मतभेद का नतीजा है. राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वह सिंधिया की जगह गलती से सचिन पायलट का नाम ले गए थे.
सचिन पायलट भाजपा के दिग्गजों से कर सकते हैं मुलाकात
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही हैं कि सचिन पायलट आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं. इस खबर के सामने आने के बाद से चर्चाओं का दौर चल पड़ा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शे-कदम पर चलते हुए भाजपा में शामिल हो सकते हैं. गौरतलब है कि रविवार की शाम में सचिन पायलट ने दिल्ली में सिंधिया से उनके आवास पर मुलाकात की थी.