जगदलपुर: कांगेर घाटी की गोद में बसे गांव कोलेंगवासियों के लिए उस समय आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्होंने अपने बीच अचानक जिले के मुखिया कलेक्टर रजत बंसल को पाया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक दीपक झा भी थे।
दरअसल इस जिले के अंदरूनी इलाकों में पहुँचकर ग्रामीणों का दुख-दर्द जानकर उनको दूर करने की प्रयास करने हेतु कलेक्टर शबंसल कांगेर घाटी की गोद में बसे इस गांव में पहुंचे। रविवार देर शाम यहाँ पहुँचने के बाद उन्होंने यहाँ के ग्रामीण सुदर बघेल के घर भोजन किया और कोलेंग में ही ग्राम पंचायत भवन में रात भी बिताई। सुबह-सुबह कलेक्टर और एसपी दुर्गम रास्तों एवं घनघोर जंगलों से होते हुए मोटरसाइकिल से मुण्डागढ़, कांदानार जैसे अतिसंवेदनशील गाँवों में पहुँचकर ग्रामीणों से रूबरू हुए तथा क्षेत्र में संचालित विकास कार्यों का जायजा लिया।
उल्लेखनीय है कि दरभा तहसील के अंतर्गत आने वाले ये कांगेर घाटी के बीचो-बीच बसा हैं और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर ये गांव नक्सल समस्याओं से पीड़ित हैं। इस क्षेत्र में विकास कार्यों को बाधा पहुंचाने के साथ-साथ इस क्षेत्र के मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करने वाले जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की नृशंस हत्याएँ नक्सलियों द्वारा की गई हैं। इस दौरान कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने ग्राम कोलेंग में छोटे बच्चों के साथ सुपोषण दौड़ में भी शामिल हुए।
यह भी उल्लेखनीय है कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के लिए कलेक्टर बंसल पूर्व में भी मादरकोंटा और तिरिया में रात्रि विश्राम कर चुके हैं। जिले के सुदूर वनांचल एवं दुरस्थ क्षेत्रों में रात्रि विश्राम कर कलेक्टर श्री बंसल ने यह अहसास करा दिया है कि उनकी पैनी नजर जिले के अंतिम से अंतिम कोने तक रहेगी। साथ ही वे धरातल पर पहुँचकर विकास कार्यों का स्वयं अवलोकन करेंगे।