जशपुर जिले के सभी 8 विकास खण्ड से लगभग 1200 से भी अधिक भाजपा कार्यकर्ता भी होंगे शामिल
CIN News | रायपुर : छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री और जशपुर जिले के माटी पुत्र विष्णु देव साय ( CM Vishnu Dev Sai ) शपथ लेने से पहले माता जसमनी देवी का आशीर्वाद लेंगे। मुख्यमंत्री के गृह निवास बगिया से सीएम की माता जी जसमनी देवी, भाई जयप्रकाश साय सहित परिवार के 40 सदस्य भी 13 दिसंबर बुधवार को श्री साय के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके अलावा जशपुर जिले के सभी 8 विकास खण्ड से लगभग 1200 से भी अधिक भाजपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी, पंच सरपंच इस शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए राजधानी रायपुर पहुंच चुके हैं।
जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक श्री साय के शपथ ग्रहण के ऐतिहासिक पल का साक्षी जशपुर अंचल भी बनना चाहता है। परिवार और गांव में दो दिनों से जश्न का माहौल बना हुआ है। जैसे ही छत्तीसगढ़ राज्य के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में श्री साय के नाम की घोषणा हुई वैसे ही उनके गृह ग्राम बगिया में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कर दी गई तथा लोगों की भीड़ मुख्यमंत्री निजी आवास में बढ़ने लगी थी । आसपास के पूरे रिश्तेदार मुख्यमंत्री के निजी आवास में थे। इस बीच खबर मिली कि 13 दिसंबर को श्री साय रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं तो तुरंत ही सभी ने रायपुर जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। करीब करीब पूरा परिवार राजधानी पहुंच चुका है। समारोह की घोषणा के साथ ही जशपुर जिले के कई देवी मंदिरों में पूजा अर्चना का कार्यक्रम भी प्रारंभ कर दिया गया । साथ ही साथ परिवार के सदस्यों द्वारा भी ईब नदी के तट पर बने देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की गई।
ओडिशा-झारखंड से आदिवासी नेता रायपुर रवाना
ओडिशा-झारखंड से आदिवासी नेता रायपुर रवाना छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में एक आदिवासी चेहरे को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा के साथ ही जशपुर से लगे झारखंड एवं ओडिशा के सीमावर्ती आदिवासी इलाकों में खुशी एवं उल्लास का माहौल बना हुआ है। शपथ ग्रहण समारोह में इन दोनों राज्य के आदिवासी नेता राजधानी रायपुर जा चुके हैं। इनमें सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि सुशील श्रीवास्तव के साथ कई आदिवासी नेता शामिल हैं।