बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर पर स्थित सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा पर्यटन के लिहाज से अविश्वमणीय स्थान है. स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा यहां लगातार प्रयास किया जा रहा था. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर विजय दयाराम गौरलाटा के स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए संसाधनों के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नई कार्ययोजना भी तैयार कर रहे थे. अब इन सभी बातों को तेजी से गति मिलेगी क्यूंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरलाटा के महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की घोषणा कर दी है.
1225 मीटर ऊंची गौरलाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी है और भौगोलिक संरचना के अनुसार पाट प्रदेश से संबंधित है. इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नजर आती है. इस पहाड़ी पर कई गुफाएं और प्राकृतिक जलस्रोत भी हैं. फिलहाल ये स्थान स्थानीय लोगों के पर्यटन के लिए पहली पसंद है, लेकिन अब पर्यटन स्थल क्षेत्र घोषित होने से यह क्षेत्र बेहतर रूप में ऊभर कर सामने आएगा.
स्थानीय पर्वतारोहियों की पसंदीदा चोटी है गौरलाटा
बलरामपुर जिले के सामरी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा की पहाड़ी फिलहाल स्थानीय पर्वतारोहियों की पसंदीदा जगह है और ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां अक्सर प्रशासनिक टीम और स्थानीय लोग क्षेत्र को विकसित करने का संदेश लेकर गौरलाटा की चढ़ाई करते हैं. हालांकि, कठिन रास्तों के कारण पर्यटकों की अभी भी यहां से दूरी बनी हुई है.
पर्यटन स्थल बनने पर स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
इस कठिनाई को आसान बनाने के लिए बलरामपुर जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पहले से ही प्रयास किया जाता रहा है. वहीं अब मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गौरलाटा बलरामपुर के गौरव के रूप में विकसित हो सकेगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलने के साथ ही पर्यटकों को भी प्रकृति का प्यार मिल सकेगा.