रायपुर: कोरोना काल में भारत एक बुरे दौर से गुजरा। कई घरों के चिराग बुझ गए तो वहीं विश्व पटल पर अपनी एक अलग छवि बनाने वाला हमारा देश आर्थिक परेशानियों से घिर गया। ऐसे संकट के समय में डॉक्टरों की जिम्मेदारी काफी बढ़ गयी। संकट काल में न केवल सरकारी अस्पताल बल्कि प्रदेश के निजी संस्थानों ने आगे बढ़कर मरीजों की सेवा का बीड़ा उठाया।
यहां ये उल्लेख करना जरूरी है कि न केवल कोरोना काल में बल्कि प्रत्येक अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं में निजी अस्पतालों ने अहम भागीदारी निभाई है। छत्तीसगढ़ राज्य के परिपेक्ष्य में अगर चर्चा की जाये तो निश्चित ही निजी अस्पतालों के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारु और अच्छी है। विगत 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतलों ने खुद को विश्वस्तरीय चिकित्सा के अनुरूप खड़ा किया है। इस प्रगति के पूर्व यहाँ के लोगो को अच्छे इलाज़ की तलाश में अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। लेकिन कुछ ही वर्षों में स्थिति बदल चुकी है। अब छत्तीसगढ़ अपने पड़ौसी राज्यों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा है।
सेंट्रल इंडिया न्यूज़ – CIN ने निजी अस्पतालों के इस सराहनीय कदम को एक किताब की शक्ल में समेटने का संकल्प किया और उसे मूर्त रूप भी दिया। एक आम आदमी के मन में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं, मेडिक्लेम पॉलिसी और उसे क्लेम करने के तरीके को लेकर जितना भी संशय है, उसे इस किताब में यथासंभव दूर करने का प्रयास किया गया है। यही नहीं इस बुक के माध्यम से हमने चिकित्सकों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर बनाए कानूनों पर भी प्रकाश डालने का प्रयास किया है।
हमें उम्मीद है कि सेंट्रल इंडिया न्यूज़ – CIN का यह प्रयास आपको पसंद आएगा। यह किताब इस राज्य में चिकत्सा सुविधाओं को नए आयाम तक ले जाने वाले निजी अस्पतालों को समर्पित है। यदि किताब को लेकर आपके कुछ सुझाव या मार्गदर्शन हैं तो आप हमें हमारे व्हॉटसअप नंबर 94252 08222 पर मैसेज कर सकते हैं।