जगदलपुर: बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल ने मक्का किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब सभी समितियों में खरीफ और रबी सीजन के मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी। मुख्यमंत्री की सोच व मंशानुरूप प्रदेश के ज्यादा मक्का उत्पादन वाले क्षेत्रों में मक्के से एथेनॉल उत्पादन के संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे मक्का किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल सकेगा तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
वर्तमान में चिन्हित समितियों में ही मक्के की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। श्री शर्मा ने कहा कि बीते धान खरीदी सीजन में कोविड-19 और केंद्र से पर्याप्त संख्या में बारदानों की आपूर्ति नहीं होने के कारण धान उपार्जन में दिक्कतें जरूर आई थी मगर स्थानीय स्तर पर धान उपार्जन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं बारदानों का इंतजाम सुनिश्चित करने के शासन स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं। इस वर्ष राजीव गांधी किसान न्याय योजना में नए प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान उठा सके इसके लिए धान खरीदी केंद्रों में इस योजना के बैनर पोस्टर लगाए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान के साथ-साथ मक्का, गन्ना, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, दलहन, तिलहन की फसलों को शामिल किया गया है। धान के स्थान पर अन्य चिन्हित फसल लेने वाले किसानों को ₹10 हजार रुपये प्रति एकड़ के मान से तथा वृक्षारोपण करने वाले किसानों को भी 3 वर्ष तक प्रति वर्ष ₹10 हजार रुपये एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान लागू किया गया है। केंद्र से मांग की तुलना में रसायनिक उर्वरकों की काफी कम आपूर्ति की गई है हमारे किसानों को खाद के लिए समस्या का सामना ना करना पड़े। इसलिए गोठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों के पंजीयन के दौरान पंजीकृत किसानों की संख्या, पंजीकृत रकबा, धान बेचने वाले किसानों की संख्या, बेचे गए धान के रकबे, धान की जगह चिन्हित फसल लेने के लिए किसान द्वारा तय किए गए रकबा तथा वृक्षारोपण करने के लिए तय रकबे की जानकारी एक ही पोर्टल पर पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि इससे धान के स्थान पर किसान द्वारा चिन्हित फसल लेने के लिए रकबे और वृक्षारोपण के लिए तय किए गए रकबे की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी। इससे योजना की मॉनिटरिंग के साथ-साथ किसानों को तय प्रावधानों के तहत इनपुट सब्सिडी की राशि के भुगतान में आसानी होगी।