बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए न्याय को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई इसलिए न्याय से वंचित नहीं रहे कि उसके पास पैसा नहीं है। वित्तीय रूप से कमजोर लोगों को भी न्याय मिले ये राज्य को सुनिश्चित करना होगा।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक ई-मेगा विधि सेवा शिविर के वर्चुअल रूप से लॉन्च करने के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) के अनुसार, समाज के वंचित वर्गों को मुफ्त न्याय प्रदान करने का कार्य राज्य सरकार द्वारा अपने संबंधित दायित्वों के लिए अधिनियम और नियम बनाकर पूरा किया जाना है।
उन्होंने कहा कि नालसा अधिनियम राज्य द्वारा संविधान के तहत प्रदत्त दायित्वों के निर्वहन के लिए पारित किया गया था और छत्तीसगढ़ राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (सीएसएलएसए) इस अधिनियम के आधार पर बनाया गया है कि कानूनी जानकारी प्रदान करके समाज के वंचित वर्ग को सशक्त बनाने का कार्य किया जा सके।
मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी ने कहा कि ई-मेगा शिविर के माध्यम से विधि स्वयंसेवकों और वकीलों की समिति के जरिए हर गांव में कानूनी जानकारी घर-घर पहुंचाने का कार्य किया जाएगा, जिसका आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत किया जा रहा है।