- संसद एवं विधानसभाओं में विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत सदन के चलने में है
- सदन में अनावश्यक व्यवधान को जनता पसंद नहीं करती है
रायपुर: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सदन नियमों से चलता है। सभी सदस्यों को इन नियमों को मानना होता है। जनता चाहती है कि सदन में उनके मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा हो और जनप्रतिनिधियों द्वारा जनकल्याणकारी निर्णय लिए जाएं। विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना रचनात्मक और समाधानपूर्ण होना चाहिए।
उन्होने कहा कि विपक्ष को जनता के मुद्दों को टेलीस्कोप की तरह देखना चाहिए और सरकार के काम पर माइक्रोस्कोप की तरह नजर रखना चाहिए। राज्य के धन का सदुपयोग हो,यह बजट चर्चा के दौरान आप लोगों को देखना चाहिए। उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाएं। उन्होंने संविधान के प्रावधानों के पालन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ मौलिक कर्तव्यों का भी उल्लेख हैं। सदन में कानून के निर्माण में सदस्यों की भूमिका सदैव रचनात्मक होनी चाहिए।
श्री धनखड़ ने कहा कि-विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत सदन के चलने में है। यदि किसी मुद्दे पर सदन में चर्चा के बाद उसका समाधान नहीं होता है तो वह मुद्दा सड़क पर आ जाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार को आईना दिखाती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों को संसद के नए भवन को देखने हेतु आमंत्रित किया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने इस मौके पर कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से सदस्यों के कार्य,व्यवहार, दक्षता एवं प्रखरता में वृद्धि होगी। उन्होने कहा कि सभी सदस्यों को पक्ष-विपक्ष की भावना से ऊपर उठकर प्रदेश एवं जनता की खुशहाली के लिए सतत् प्रयास करते हुए जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
इसके पूर्व अपने स्वागत संबोधन में विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा ने कहा कि नवनिर्वाचित सदस्यो को संसदीय विषयों की प्राथमिक जानकारी, संसदीय प्रक्रिया, संसदीय शिष्टाचार और संसदीय शब्दावली से परिचय कराना ही इस प्रबोधन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं,जिससे कि सदस्यों की,सभा की कार्यवाही में संसदीय परंपराओं नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप सहभागिता सुनिश्चित हो।