कोरिया: छत्तीसगढ़ (CHHATTISGARH) के कोरिया जिले से भालू द्वारा हमला कर चार लोगो को मारने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार देवगढ़ वन परिक्षेत्र के अंगवाही से लगे जंगल में भालू के हमले से 4 लोगो की मौत के साथ दो लोगो के घायल होने की भी सुचना है। हमले से घायल दो लोगों को बैकुंठपुर के जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया गया है। भालू के हमले से मृत चारों लोग ग्राम अंगवाही के पंडो समुदाय के है। मृतकों में फूलसाय पिता सुखदेव पंडो 50 वर्ष व उसकी पत्नी इंजुरिया पंडो 60 वर्ष शामिल है। इसके अलावा राजकुमारी पति मानसाय का 42 वर्ष तथा शिवभजन पंडो 50 वर्ष की भी भालू के हमले से मौत हुई है। घायलों में सोनमती पति हरिराम 45 वर्ष तथा बसंती पति बनवारी पंडो 40 वर्ष का नाम शामिल है। यह सभी हर्रा बीनने के लिए गए हुए थे। एक ग्रामीण को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया गया। वह कई घंटों तक भालू के हमले से बचने के लिए पेड़ पर चढ़ा हुआ था।
बीच-बीच में भालू झाड़ियों के बीच से निकलता और शवों को नोचता था
कोरिया जिले के देवगढ़ वन परीक्षेत्र के दामूज बीट अंतर्गत ग्राम अंगवाही व पसला के कुछ लोग रविवार सुबह हर्रा बिनने नजदीक के जंगल गए हुए थे।हर्रा संग्रहण करते वे शाम को रवीनते अंगवाही के नाले के पास पहुंच गए थे। उसी दौरान अचानक एक भालू ने उन पर हमला कर दिया। भालू के हमले से घायल होने के बावजूद दो लोग वहां से किसी तरह भाग निकलने में सफल हो गए। कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गए थे। उस दौरान भी भालू ने उन पर हमला किया। पेड़ से नीचे खींच कर एक महिला को मार डाला। मौके पर तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी थी। एक महिला के संबंध में जानकारी नहीं मिल पा रही थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि वह आसपास किसी जंगल में छिपी होगी। मुख्य मार्ग से ज्यादा दूर नहीं होने के कारण सड़क किनारे लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भालू खतरनाक था। सभी मृतकों के शव 50 से 100 मीटर के दायरे में पड़े हुए थे। बीच-बीच में भालू झाड़ियों के बीच से निकलता और शवों को नोचता था। थोड़ी देर बाद फिर वह झाड़ियों में जाकर छिप जाता था। घटनास्थल के नजदीक की परिस्थितियों और भालू के हिसंक रूप को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि वह मादा है और उसने बच्चों को जन्म दिया है। नाले के पास गड्ढे में भी भालू बार-बार जाता था उसी गड्ढे में भालू के बच्चों के होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पेड़ पर चढ़े व्यक्ति को ऐसे सुरक्षित निकाला
गांव वालों द्वारा भालू को मार देने की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा था।भालू को मार देने को लेकर कलेक्टर व डीएफओ के बीच चर्चा भी हुई लेकिन डीएफओ इसके लिए तैयार नहीं हुए।उनका कहना था कि बगैर प्रक्रियाओं का पालन किए किसी भी वन्य प्राणी की जान नहीं ली जा सकती।घटना स्थल तक पहुंचना भी आसान नहीं था। वहां तक जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण मौके पर एक्सीवेटर को बुलाया गया। एक्सीवेटर के साथ कई वाहनों की तेज रोशनी और साउंड के साथ एक बार घटनास्थल पहुंचा गया। उस दौरान पेड़ के ऊपर एक व्यक्ति चढ़ा हुआ था। उसे सुरक्षित रेस्क्यू कर बाहर ले आया गया। चोरों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालना आसान नहीं था। पहली बार जब टीम वहां गई तो चारों शव पड़े हुए थे। बाद में योजना बनाकर टीम मौके पर पहुंची और चारों शवों को बाहर निकाल सोनहत अस्पताल भिजवा दिया गया।शाम पांच बजे से लेकर मध्यरात्रि के बाद दोपहर दो बजे तक भालू से लोगों को बचाने और शवों को बाहर निकालने की योजना पर काम चलता रहा। तड़के लगभग तीन बजे सभी अधिकारी जिला मुख्यालय बैकुंठपुर वापस लौटे। वन विभाग की अलग-अलग टीम को प्रभावित क्षेत्र में तैनात रखा गया जो सुबह से ग्रामीणों को समझाइश देने में लगे हुए हैं। विशेषज्ञों की एक टीम को भी भालू को ट्रेंकुलाइज कर कब्जे में लेने के अभियान में लगाया गया है।