मुंगेली : देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच एतिहात के तौर पर छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार अग्रवाल ने दीप-प्रज्वल्लित व संबोधन भाषण देकर ई-लोक अदालत का शुभारंभ किया. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहां ऑनलाइन वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए लोक अदालत के प्रकरणों की सुनवाई हो रही है.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुंगेली में 11 जुलाई को देश की पहली वर्चुअल राज्य स्तरीय लोक अदालत रखी गई. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर सहित प्रदेश भर के सभी जिला न्यायालय की 195 से ज्यादा खंडपीठ में लगभग 3500 से ज्यादा मामलों पर एक साथ सुनवाई हुई. इस कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 10:30 बजे हाईकोर्ट के सभागार में रखा गया, जिसमें प्रदेश भर के सभी न्यायालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.
जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारी गण नीलिमा सिंह बघेल, प्रबोध टोप्पो, सुषमा लाकड़ा, अमित मात्रे तथा जिला बार संघ के अध्यक्ष राजमन सिंह व खंडपीठ के सदस्य अधिवक्तागण न्यायालय के वीसी रूम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जुड़े. पक्षकार अधिवक्ता अपने अपने स्थान से दिए गए लिंक के माध्यम से जुड़े.
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा के निर्देशन मैं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुंगेली द्वारा कुल 235 राजीनामा योग्य प्रकरणों के लिए तो जिला न्यायालय एवं 15 न्यायालय लोरमी में खंडपीठ गठित की गई. इसमें विशेष रूप से मोटर दावा चेक बाउंस विद्युत अधिनियम से संबंधित प्रखंड थे, जिसमें कुल 24 प्रकरणों का निवारण हुआ. न्यायालय में तकनीकी स्टाफ के सहयोग से यह विशेष लोक अदालत आसानी से कुशलता पूर्वक संपन्न हुआ, जो देश का प्रथम वर्चुअल लोक अदालत है.