लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) साल 2023 में होने वाले सभी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. इसके साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए इसका ऐलान किया है.
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जहां भी चुनाव होंगे, बीएसपी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
इसके साथ ही मायावती ने इस दौरान समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार ने संसद में एससी और एसटी आरक्षण पास नहीं होने दिया बल्कि उसने संसद में बिल का पर्चा भी फाड़ा. बीएसपी सरकार में एससी-एसटी के लोगों को उनका हक दिया गया. बीएसपी ने संतों-गुरुओं का भी आदर-सम्मान किया. हालांकि दूसरे दलों की सरकारों में ऐसा नहीं हुआ.
मायावती ने उपेक्षित वर्ग के लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें बीएसपी को सत्ता में जरूर लाना होगा तभी बाबा साहब के दिए हुए कानूनों का लाभ मिल सकता है और यह लोग अपने आत्म सम्मान की जिंदगी जी सकते हैं. अगर ये ऐसा करते हैं तो यह मेरे लिए जन्मदिन पर सबसे अहम तोहफा होगा, इससे ज्यादा मुझे उनसे कुछ नहीं चाहिए.
कांग्रेस ने लागू नहीं होने दिया मंडल कमीशन: मायावती
इस दौरान मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी पर भी निशाना साधा. बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में लंबे समय तक रहने के बाद भी मंडल कमीशन को लागू नहीं होने दिया. अब बीजेपी भी यही कर रही है. आरक्षण के हक को मार रही है. जिसकी वजह से इस बार निकाय चुनाव प्रभावित हुए हैं. सपा ने भी हमेशा छल करने का काम किया है.
सत्ता की चाभी लेनी होगी: बीएसपी अध्यक्ष
देश के अल्पसंख्यकों को लेकर मायावती ने कहा कि उन्हें याद दिलाना जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि हम लोगों को अपने खुद के पैरों पर खड़ा होना है. भाईचारा बनाकर रखना होगा, सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी. जातिवादी लोगों के चलते उन लोगों को हक नहीं मिला. आरक्षण के प्रति सभी दल कांग्रेस-बीजेपी-सपा कोई ईमानदार नहीं रहा है.