रायपुर: छत्तीसगढ़ के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी व न्यायिक हिरासत में जेल जाने के बाद भी प्रदेश में सियासत कम नहीं हुई है। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भूपेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यदि संत कालीचरण के ऊपर किसी भी विचार की असहमति के कारण (भाषण पर) राजद्रोह लगाया जा सकता है तो छत्तीसगढ़ सरकार को आयोजकों का नाम उजागर करते हुए उनके ऊपर भी आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज करना चाहिए। तभी यह माना जाएगा कि सरकार निरपेक्ष कार्रवाई करती है।
बता दें कि रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर संत कालीचरण ने अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें मारने वाले नाथूराम गोड़से को साष्टांग प्रणाम किया था। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सिविल लाइन और रायपुर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अपराध दर्ज होने के दूसरे दिन कालीचरण का एक और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणियों को फिर दोहराया था। वीडियो में कालीचरण ने कहा है कि मुझे अपने बयान पर कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हैं। यदि सच बोलने की सजा मृत्युदंड है तो वह भी मुझे स्वीकार है। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर रायपुर के जिला न्यायालय में पेश किया था।
रायपुर में कालीचरण महाराज पर दर्ज है केस
26 दिसंबर को रायपुर के रावणभाटा में धर्म संसद में दिए विवादित बयान पर थाना टिकरापारा में कालीचरण के विरुद्ध धारा 294, 505(2) भादवि का अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान साक्ष्यों के आधार पर धारा 153 अ (1)(अ), 153 इ (1)(अ), 295 अ ,505(1)(इ) , 124अ भादवि को भी इसमें जोड़ दिया गया। राजद्रोह की धारा के चलते जिला अदालत से कालीचरण की जमानत खारिज हो चुकी हैं। कालीचरण अभी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल रायपुर में बंद थे, जिन्हें मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र की पुलिस लेकर गई है। बता दें कि कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर भाजपा-कांग्रेस के नेताओं में जमकर सियासी जंग चल रही है।