BILASPUR | दिल्ली के श्रद्धा जैसा बिलासपुर में भी कांड, प्रियंका की लाश को 4 दिन फ्रिज में छुपाकर रखा, इस बात से था नाराज

बिलासपुर: भिलाई सेक्टर-3 निवासी युवती की हत्या करने के बाद मेडिकल स्टोर संचालक पुलिस को गुमराह करने झूठी कहानी बना टीम के साथ ही घूम कर सीसीटीवी फुटेज खंगालने में सहयोग कर रहा था. पुलिस को जब उसकी कहानी बनावटी लगी तो संदेह पर पूछताछ शुरू की. इससे हत्या का खुलासा हो गया. अब इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है.

बिलासपुर पुलिस के मुताबिक भिलाई सेक्टर-3 निवासी प्रियंका सिंह राजपूत पिता बृजेश सिंह (24) दयालबंद में रह कर PSC की तैयारी कर रही थी. 15 नवंबर को प्रियंका का मोबाइल बंद आने पर भाई हिमांशु सिंह (23) भिलाई से 16 नवंबर को बिलासपुर पहुंचा. हॉस्टल पहुंच कर बहन की खोज खबर ली तो पता चला वह 15 नवंबर को दोपहर 1 से के बीच निकली है, उसके बाद किसी ने नहीं देखा है.

परिचितों व हॉस्टल से जब प्रियंका का पता नहीं चला तो हिमांशु ने अनहोनी होने की आशंका पर सिटी कोतवाली थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई . प्रियंका के लापता होने की जांच करने पुलिस सीधे हॉस्टल पहुंची. कॉल लोकेशन खंगाला तो प्रियंका का आखरी लोकेशन सिटी फार्मेसी मिला. पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक आशीष पिता ताहर साहू (27) से पूछताछ की तो उसने गुमराह करने झूठी कहानी बताई. जांच के दौरान पुलिस को आशीष पर शंका हुई. लिहाजा संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की तो हत्या का खुलासा हो गया. आरोपी को गिरफ्तार कर सिटी कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है.

आशीष ने बताया कि उसने प्रियंका को अपने साथ शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए कहा. प्रियंका ने काफी पैसे लगाए. इसमें फायदे की जगह नुकसान होने लगा. 15 नवंबर की दोपहर को वह आशीष की दुकान पहुंची और पैसे मांगने लगी. इससे गुस्सा आया और उसने दुकान का शटर बंद कर उसे जमीन पर पटक दिया. इसके बाद गला घोंट दिया. प्रारंभिक पूछताछ में आशीष ने पुलिस को बताया कि प्रियंका उसके दुकान के बाहर अपनी स्कूटी छोड़कर जाती थी.

चाबी दुकान में ही छोड़ देती थी. आशीष ने पुलिस को बताया कि वह 15 नवंबर को लौटकर नहीं आई तो उसने चाबी प्रियंका की सहेली को दे दी थी. पुलिस आसपास के फुटेज चेक कर रही थी. सिटी कोतवाली पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. बार-बार आशीष पर ही संदेह जा रहा था. इधर, तीन-चार दिनों से दुकान बंद थी. पुलिस को संदेह हो रहा था और आशीष को पकड़े जाने का डर सताने लगा तो उसने लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई.

शनिवार की तड़के वह अपनी दुकान पहुंचा. करीब 4 बजे प्रियंका के शव को बाहर निकाला और कपड़े से लपेटकर कार की पिछली सीट पर रखा और अपने घर कस्तूरबा नगर ले गया. कार को उसने बाड़ी में खड़ी कर दिया.

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