रायपुर: राजधानी रायपुर में 4 दिन पहले मिली बच्चे की लाश मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। असल में बच्चे की हत्या की गई थी। इसके बाद उसके शव को दलदल में फेंक दिया गया। उसकी हत्या किसी और ने नहीं बल्कि बच्चे के ही साथी ने किया है। दोनों मिलकर चोरी किया करते थे। इसी वजह से आरोपी को डर था कि बच्चे की वजह से चोरी के मामले में उसका नाम भी सामने आ जाएगाा। इसलिए आरोपी ने पूरी वारदात को अंजाम दिया और अपने रिश्तेदार के यहां सिर मुंडवाकर छिपा हुआ था। मामला आरंग थाना क्षेत्र का है।
भानसोज निवासी रूपेंद्र निर्मलकर(10) 15 दिसंबर से लापता था। परिजनों ने काफी तलाश की। मगर उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने बच्चे की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच भी कर रही थी। मगर 17 दिसंबर को गांव के ही दलदल में बच्चे का शव मिल गया। फिर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था और मामले में जांच कर रही थी। PM रिपोर्ट में भी हत्या की बात सामने आई थी।
पुलिस को जांच के दौरान ही पता चला कि बच्चा आखिरी बार अपने साथी दुर्गेश निर्मलकर(21 वर्ष) के साथ देखा गया था। इस पर पुलिस ने दुर्गेश के घर में दबिश दी। लेकिन दुर्गेश घर में नहीं मिला था। इसके बाद पुलिस ने लगातार उसकी तलाश जारी रखी। उसका मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया। साथ ही उसके फोन की कॉल डिटेल निकलवाई। जिसमें पुलिस को पता चला कि आरोपी महासमुंद के खल्लारी इलाके में अपने रिश्तेदार ये यहां छिपा हुआ है। तब पुलिस ने मौके पर दबिश दी और आरोपी को हिरासत में ले लिया था।
हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। फिर भी आरोपी अपना गुनाह कबूल नहीं कर रहा था। बार-बार सख्ती से पूछताछ करने पर उसने राज उगला और बताया कि हां मैंने रूपेंद्र की हत्या की है। दुर्गेश ने बताया कि हम दोनों साथ में धान चोरी किया करते थे। चोरी करने के बाद ज्यादा हिस्सा मैं रखता था। बाकी का हिस्सा बच्चे को दिया करता था।
दुर्गेश ने कहा कि कम धान देने के चक्कर में भी रूपेंद्र से विवाद होता था। वो मुझे गांववालों को सच्चाई बताने की धमकी दिया करता था। इस बात से भी मैं परेशान था। उसने बताया कि मेरे साथ देखकर रूपेंद्र के माता-पिता भी नाराज होते थे और मुझे डांटा करते थे। इस बीच रूपेंद्र गांव के ही एक घर में चोरी करने घुसा था। मगर धान चोरी करते वक्त उसे पकड़ लिया गया था।
बदनामी के डर से दी मौत
आरोपी ने बताया कि रूपेंद्र चोरी करते पकड़ा गया था। लेकिन गांव वालों ने उसे छोड़ दिया था । इसके बाद रूपेंद्र ने मुझसे चोरी कर पकड़े जाने की बात बताई। तब मैं और डर गया। फिर मैंने प्लान बनाया कि अब इसे मार देना चाहिए। क्योंकि यदि किसी को ये पता चला गया कि मैं उसके साथ चोरी करता हूं तो बड़ी बदनामी हो जाएगी। इसलिए मैंने उसे मारने का प्लान बना लिया।
दुर्गेश ने बताया कि मारने के मकसद से ही मैंने उसे 15 दिसंबर की शाम को मिलने बुलाया था। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को दलदल में फेंक दिया था। आरोपी ने बताया कि किसी को पता ना चले इसलिए मैं रायपुर गया। वहां जाकर मैंने सिर मुंडवाया और मोबाइल भी तोड़कर फेंक दिया था।
इससे पहले ही मैंने अपने रिश्तेदार के यहां बात कर ली थी कि मुझे हैदराबाद जाना है। इसलिए मैं आपके यहां आ रहा हूं। वहां से निकल जाऊंगा। लेकिन इससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा बुधवार को किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।