रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदरूनी विवाद का नतीजा किस करवट बैठेगा, इसके संकेत अब मिलने लगे हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री के बीच जारी झगड़े के बीच कांग्रेस आलाकमान के हालिया फैसलों से यह अंदाजा लग रहा है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना कम होती जा रही है।
भूपेश बघेल को कांग्रेस आलाकमान ने पहले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया। शुक्रवार को उन्हें हिमाचल प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी शामिल किया गया। उन्हें इस लिस्ट में पहले नंबर पर रखा गया है। इन सबके बीच यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसा के मामले में वे कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों में भी सबसे आगे खड़े दिखे। यूपी पहुंचने वाले कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में वे सबसे आगे थे।
मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहे सिंहदेव जहां रायपुर में बैठकर ट्वीट करते रहे, बघेल यह जताने में सफल रहे कि पार्टी आलाकमान का भरोसा उन्हें हासिल है। पार्टी विधायकों के बहुमत का समर्थन उन्हें पहले से ही हासिल है और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने वे इसका प्रदर्शन भी कर चुके हैं। ऐसे में सिंहदेव के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
सिंहदेव सीएम पद के लिए ढाई साल के कथित फॉर्म्यूले का हवाला देते हुए इस पर अपना दावा जता रहे हैं लेकिन उन्हें खुद भी यह अंदेशा है कि हालात उनके अनुकूल नहीं हैं। शुक्रवार को सिंहदेव का बयान भी यही इशारा कर रहा है। उन्होंने कहा है कि परिवर्तन इतना आसान नहीं होता। किसी भी फैसले से पहले आलाकमान को हर पहलू का आकलन करना होता है। सिंहदेव भी समझने लगे हैं कि बघेल को गांधी परिवार का विश्वास हासिल है। ऐसे में यह संभावना बेहद कम है कि बघेल को सीएम पद से इस्तीफा देने को कहा जाएगा।