दुर्ग: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है. कैबिनेट ने तय किया है कि छत्तीसगढ़ के पिछड़े और अति पिछड़े क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल (PPP Model) से कॉलेज संचालित होंगे, जिससे छत्तीसगढ़ के सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में भी उच्च शिक्षा पहुंच पाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों में एक और नवाचार जुड़ गया है, जिससे अब पिछड़े और अति पिछड़े, सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों तक भी उच्च शिक्षा की रोशनी पहुंच सकेगी. इस नवाचार के तहत अब पी.पी.पी. मॉडल में कॉलेजों का संचालन किया जाएगा. प्रस्तावित पी.पी.पी. मॉडल में यह व्यवस्था शुरू से ही निजी महाविद्यालयों को दी जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
छत्तीसगढ़ में पहली बार लागू हुई यह योजना
छत्तीसगढ़ में पी.पी.पी मॉडल पर शुरू किए जाने वाले महाविद्यालय प्रदेश के लिए एक नवाचार हैं. पहले इस प्रकार की कोई योजना लागू नहीं की गई है और न ही कोई निजी महाविद्यालय इस योजना के तहत संचालित हो रहा है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम के तहत प्रदेश में कुल 12 निजी महाविद्यालयों को शत्-प्रतिशत् नियमित अनुदान के तहत संचालित किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद चार निजी महाविद्यालयों को छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम, 2006 के तहत कैबिनेट की मंजूरी के बाद 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है.
शुरू से ही महाविद्यालयों को पीपीपी मॉडल की व्यवस्था दे दी जाएगी
अब तक छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम, 2006 के आधार पर उपर्युक्त अनुदान केवल उन्हीं निजी महाविद्यालयों को प्रदान किया जाता था जो पिछले 10 वर्षों से संचालित हैं, लेकिन प्रस्तावित पी. पी.पी. मॉडल में यह व्यवस्था शुरू से ही निजी महाविद्यालयों को दे दी जाएगी, जिससे अति पिछड़े क्षेत्र और पिछड़ा क्षेत्र, सुदूर क्षेत्र में रहने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा का पूरा लाभ मिल सकेगा.
दुर्गम इलाकों में रह रहे छात्रों को मिलेगी बेहतर शिक्षा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के सकल प्रवेश अनुपात को बढ़ाने और राज्य के पिछड़े और अति पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्तामूलक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पी.पी.पी. मॉडल के तहत राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना करने के प्रस्तावित प्रारूप का अनुमोदन किया गया. इसमें निर्धारित प्रारूप के तहत निजी महाविद्यालयों को दी जाने वाली रियायतों में पी.पी.पी मॉडल के तहत खोले जाने वाले महाविद्यालयों को दी जाने वाली निश्चित पूंजी निवेश पर अधिकतम सब्सिडी 2.50 करोड़ रुपये और 1.75 करोड़ रुपये सब्सिडी क्रमशः अति पिछड़ा क्षेत्र एवं पिछड़ा क्षेत्र में स्थापित महाविद्यालयों को दी जाएगी.
क्या है पीपीपी मॉडल
पीपीपी मॉडल में कम-से-कम 10 एकड़ भूमि 30 वर्ष की लीज़ पर 50 प्रतिशत रियायती दर से शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. भूमि का उपयोग अन्य किसी कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा. लीज की तारिख समाप्त होने पर दोनों पक्षों की सहमति से लीज की अवधि को बढ़ाया जा सकता है. इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए ली गई अधिकतम 500 करोड़ रुपये की ऋण पर ब्याज की राशि का 50 प्रतिशत भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा. इसके समस्त पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा देय छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. महाविद्यालय को समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था खुद करनी होगी.