- कोविड-19 के उपचार में शासन से निर्धारित राशि एवं गाइड लाइन का उलंधन पाए जाने पर किया गया कार्रवाई
- 95 हजार 540 रुपये, मरीजों व परिजनों को वापस करने के आदेश
रमेश गुप्ता / दुर्ग: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोविड-19 पाॅजिटीव मरीजों के उपचार हेतु निजी चिकित्सालयों को उपचार की अनुमति दी गई थी। भिलाई के मित्तल होस्पिटल भिलाई को शासन के आदेशानुसार उपचार की अनुमति दी गई थी। कोविड-19 मरीजों के उपचार, मरीजों की मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों से शासन द्वारा निर्धारित राशि से अत्यधिक राशि लेने एवं उपचार में अनियमितता बरतने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा जांच किया गया। विभागीय जांच एवं भौतिक सत्यापन तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच अभिमत के अनुसार शासन द्वारा उपचार हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि लेना पाया गया है, जो कि नर्सिंग होम एक्ट 2013 का उलंघन करना पाया गया है। नर्सिंग होम एक्ट का प्रथम बार उलंघन करने पर अर्थदंड से दंडित एवं अधिक राशि की वसूली कर संबंधितों को वापस करने का आदेश जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत् बनाए गए अधिनियम के अनुसार प्रावधानों का उलंधन करते पाए जाने पर 20 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने का प्रवधान है। साथ ही उपचार एवं क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के शर्तों को पूरा नहीं करने पर 20 हजार रूपए से दंडित करने का प्रावधान है इस प्रकार कुल राशि 40 हजार रूपए से दंडित किया गया है। निर्धारित राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में जमा करने के आदेश जारी किया गया है। संबंधित मरीज हेमू लाल साहू 29 हजार 500 रुपये, एन.आर.अग्रवाल 25 हजार 230 रुपये, सुबोध सिन्हा 17 हजार 30 रुपये, श्रीमती रजनी अग्रवाल 23 हजार 780 रुपये इस तरह से कुल 95 हजार 540 रुपये संबंधित मरीजों व परिजनों को वापस करने के आदेश जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि नर्सिंग होम एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करते पाए जाने पर अर्थदंड, लाइसेंस निरस्त, लाइसेंस का नवनीकरण नहीं करने, अस्पताल सीलबंद के तहत् कार्रवाई किये जा सकने का प्रावधान है।