टोक्यो: 26 जुलाई 2021 का दिन भारतीय तलवारबाजी के इतिहास में दर्ज हो चुका है। दुनिया के सबसे बड़े खेलों ‘ओलिंपिक’ में किसी भारतीय की तलवार आज पहली बार लहराई है। वो भवानी देवी की तलवार थी। भवानी ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं। दुनिया ने उन्हें अब नोटिस किया है, मगर तलवारबाजी में भवानी का अपना अलग मुकाम है, ठीक अपने नाम की तरह। उनका ओलिंपिक का सफर भले ही दूसर राउंड में खत्म हो गया हो, मगर भवानी ने अपनी फुर्ती से गहरी छाप छोड़ी है। तलवारबाजी यानी ‘फेंसिंग’ 1896 से ओलिंपिक का हिस्सा रही है, मगर कोई भारतीय इसके लिए क्वालिफाई नहीं कर पाया था। भवानी ने अपनी तलवार से उस चुनौती को चीरकर रख दिया।
कौन हैं भवानी देवी?
भवानी देवी ने तलवारबाजी में भारत की तरफ से कई कीर्तिमान गढ़े हैं। वह दुनिया में 42वें नंबर की खिलाड़ी हैं। शुरुआत कॉमनवेल्थ खेलों में ब्रॉन्ज मेडल के साथ हुई। ये बात है 2009 की। फिर इंटरनैशनल ओपन, कैडेट एशियन चैम्पियनशिप, अंडर-23 एशियन चैम्पियनशिप समेत कई टूर्नमेंट्स में भवानी ने मेडल्स अपने नाम किए। वह अंडर-23 में एशियन जीतने वाली पहली भारतीय हैं।
राहुल द्रविड़ के फाउंडेशन ने किया सपोर्ट
भवानी देवी देश की उन चुनिंदा 15 एथलीट्स में से रही हैं जिन्हें पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ के फाउंडेशन ने सपोर्ट किया। भवानी का जन्म तमिलनाडु के चेन्नै में हुआ था। 10 साल की उम्र में खेलों में दिलचस्पी हो गई। अगले साल फेंसिंग से सामना हुआ तो भवानी का मन लग गया।
ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद भवानी ने हंसते हुए कहा था, “जब मैंने खेलों में हिस्सा लेने के लिए दाखिला लिया, तो हम सभी को समूहों में विभाजित किया गया और पांच अलग-अलग खेलों में से एक को चुनने का विकल्प दिया गया। जब तक मेरी बारी आई, तब तक केवल तलवारबाजी में ही स्लॉट बचा था।” उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के सेंटर में शुरुआती ट्रेनिंग ली। ओलिंपिक के लिए भवानी ने इटली में खास तैयारी की।
आत्मविश्वास से लबरेज हैं भवानी देवी
किसी ने मुझसे पूछा कि क्वार्टर फाइनल में जाने के लिए मेरे क्या प्लान्स हैं। अब जबकि मैं ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हूं तो मैंने कहा कि सिर्फ क्वार्टर फाइनल ही क्यों फाइनल क्यों नहीं।भवानी देवी, 18 मार्च 2021 को
ओलिंपिक के लिए कैसे की तैयारी?
मार्च 2021 में जब भवानी ने तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया तो इतिहास लिखा जा चुका था। अब बारी थी उस विश्वास पर खरा उतरने की। भवानी ने जोरदार तैयारी की। दूध, चीनी छोड़ दिया। उन्होंने इटली में रहकर खास शेड्यूल में ट्रेनिंग ली और जिम में खूब पसीना बहाया।
तोक्यो ओलिंपिक: भवानी की शानदार शुरुआत
तोक्यो ओलिंपिक के शुरुआती दौर में भवानी ने सबको प्रभावित किया। उन्होंने ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हरा दिया। वह ओलिंपिक में कोई मैच जीतने वाली भारत की पहली तलवारबाज बन गई हैं। भवानी शुरू से ही सहज नजर आईं और बार-बार प्रतिद्वंदी को पिन करती रहीं। फर्स्ट पीरियड खत्म होते-होते भवानी की लीड 8-0 हो चुकी थी। दूसरे पीरियड में उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया और मैच जीत लिया।
दूसरे मुकाबले में चूक गईं भवानी
ओलिंपिक में भवानी का दूसरा मुकाबला फ्रांस की मेनोन ब्रुनेट के साथ था। पहले राउंड में 2-9 से पिछड़ने के बावजूद भवानी ने हिम्मत नहीं हारी और एक वक्त तक स्कोर को 6-11 तक लाने में कामयाब रहीं। हालांकि ब्रुनेट भारी पड़ीं और भवानी का ओलिंपिक सफर खत्म हो गया।