नई दिल्ली: हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ रहे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब निर्भर किस पर करता है। दरअसल, व्यक्ति का खाने-पीने की आदत ही उसे हेल्दी और अनहेल्दी कैटेगिरी में डालती है। इस कारण कई बार आप डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। आपके अंदर नकरात्मक विचार पैदा होने लगते हैं। आइए वर्ल्ड हैप्पीनेस डे के मौके पर आपको कुछ ऐसे फूड के बारे में बताते हैं जो आपको अंदर से खुश रखने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि व्यक्ति की भावनाएं या विचार उसके भोजन पर निर्भर करते हैं। विज्ञान कहता है कि जो हम खाते हैं उसका सीधा असर हमारे दिमाग पर होता है। एक्पर्ट्स के अनुसार, दिमाग का सीधा संबंध आंतों से होता है। क्योंकि जिस तरह का भोजन व्यक्ति खाता है, उसी तरह की भावनाएं उसमें प्रकट होती हैं। इसलिए कहा जाता है कि अगर आपकी आंत खुश है तो आप भी खुश रहेंगे।
2008 में, यूसीएलए के शोधकर्ताओं ने 160 अध्ययनों की समीक्षा की, जिसमें पता लगा कि भोजन मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है। इसमें पता लगा कि एक संतुलित आहार के साथ व्यायाम करने से मानसिक विकारों को ठीक किया जा सकता है।
किनोआ में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं। चावल और पास्ता की जगह पर किनोआ एक हेल्दी विकल्प है। एक शोध के अनुसार किनोआ में फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो एंटीडिप्रेसेंट की तरह काम करता है। यह आपके मन को शांत कर बेहतर महसूस कराता है।
साल्मन मछली ओमेगा-3 फैटी का अच्छा सोर्स होती है। रिसर्च के अनुसार यह व्यक्ति के मूड को बहतर बनाने में सहायक है। स्टडी के मुताबिक, ओमेगा-3 का सेवन बाल और त्वचा दोनों को चमकदार बनाता है। यहां तक कि व्यक्ति को खुश रहने में भी मदद करता है। अगर साल्मन फिश नॉ मिले तो इसकी जगह फिश ऑयल सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
विटामिन डी में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं जो मूड ठीक करने के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वैसे तो विटामिन डी सूर्य की किरणों से मिलता है पर मशरूम, दूध, बीफ, चिकन लिवर और फैटी फिश भी इसके अच्छे विकल्प हैं। ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन में बदलने के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि सेरोटोनिन की सही मात्रा डिप्रेशन और चिंता को दूर करने में मदद करती है।
डार्क चॉकलेट मूड ठीक करने से लेकर शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचाती है। एक शोध के अनुसार, डार्क चॉकलेट खाने से एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति चिंता मुक्त होकर खुद को खुश महसूस करने लगता है।
प्रोबायोटिक्स आंतों में रहने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह आंत को साफ करके पाचन में सहायता करते हैं। प्रोबायोटिक्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं। इन्हें स्वस्थ शरीर की कुंजी कहा जाता है। दही, योगर्ट, किमची आदि प्रोबायोटिक्स का सेवन दिमाग को शांत रखता है और व्यक्ति स्ट्रेस फ्री महसूस करता है।
विटामिन बी 6, ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर में बदलता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर व्यक्ति के मूड को ठीक करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। पोल्ट्री, सी फूड, बीफ, हरी सब्जियां, पालक, केल आदि विटामिन बी 6 के अच्छे सोर्स हैं।
अंगूर में रेसवेराट्रॉल( एक तरह के पॉलीफेनोल्स) होते हैं जो एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। यह व्यक्ति के मूड को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।
फॉलिक एसिड की कमी से शरीर में सेरोटोनिन का लेवल कम हो जाता है। रिसर्च के अनुसार फॉलिक एसिड के मस्तिष्क के विकास के लिए भी अच्छा माना जाता है। पालक, बोक चोय और शलजम जैसे पत्तेदार साग का सेवन कर सकते हैं।
इम्यून सिस्टम शरीर को हर तरह से स्वस्थ रखता है। अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ही कमजोर है तो वह कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है। व्यक्ति का दिमाग और इम्यून सिस्टम दोनों आपस में जुड़ें होते हैं। जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, वे बहुत जल्दी डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में विटामिन सी युक्त चीजें जैसे ब्रोकली, खट्टे फल, केल, स्ट्रॉबेरी, आम और किवी का सेवन कर सकते हैं।
मैग्नीशियम, मेटाबॉलिट एक्टिविटी करने में और सेरोटोनिन को संतुलित करने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, सीड्स, कद्दू के बीज, एवोकाडो, अनाज आदि इसमें शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इनमें से कोई भी एक चीज आपको स्वस्थ दिमाग या डिप्रेशन से मुक्त नहीं करा सकती है। इसलिए जरूरी है कि प्रतिदिन अच्छी नींद लेना, एक्सरसाइज करना और साथ में एक संतुलित आहार लेना।