अंबिकापुर : एक युवक फेसबुक के जरिये 13 साल बाद अपने परिवार से मिलता है. यह कहानी आपको थोड़ी फ़िल्मी जरुर लगेगी लेकिन यह हकीकत है. दरअसल एक किशोर 15 साल की उम्र में घर से काम करने निकलता है लेकिन लौटता नहीं 13 साल बाद फेसबुक में पोस्ट किये गये एक वीडियो के माध्यम से अपने छोटे भाई से मिलता है और घर वापस लौटता है. यह मामला सरगुजा का है.
फेसबुक में अपलोड किए गए वीडियो से हुई पहचान
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सलबा का जहां वर्ष 2007 में मरवाड़ी राम सोनवानी का 15 वर्षीय पुत्र काम करने निकला और लापता हो गया. पिता ने आसपास सहित रिश्तेदारों के यहां उसकी तलाश के बाद उदयपुर थाने में उसकी गुम होने की शिकायत भी दर्ज कराई. पुलिस ने अपनी ओर से उसकी तलाश के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. गुम हुए किशोर का छोटा भाई राकेश सोनवानी काम के सिलसिले में पिछले कुछ सालों से गुजरात में था, जहां उसके एक दोस्त आशुतोष कुमार ने इस साल जनवरी महीने में गुजरात में कहीं घूमते हुए अपना और राकेश का वीडियो फेसबुक में शेयर किया.
वीडियो को देख राकेश के बड़े भाई राजेश सोनवानी ने अपने छोटे भाई को पहचान लिया. फिर अपने छोटे भाई के संबंध में उसने पूरी जानकारी हासिल कर ली और राजेश ने अपने फेसबुक फ्रेंड आशुतोष के जरिए अपने छोटे भाई राकेश का मोबाइल नंबर मांग उसने फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट छोटे भाई को भेज दिया. इस तरह दोनों भाइयों में सोशल मीडिया के जरिए बातचीत होने लगी.
ऐसे लौटा बड़ा भाई घर
छोटे भाई राकेश सोनी ने बड़े भाई को वापस उदयपुर लाने के लिए एक योजना बनाई. बातचीत के दौरान उसने बड़े भाई को बताया कि उसके माता-पिता गुजर चुके हैं जो कि उसने झूठ कहा था, ताकि इस बहाने उसका बड़ा भाई किसी तरह घर लौट सके. राजेश जो काम के सिलसिले में पंजाब में था वह अपने छोटे भाई राकेश के पास गुजरात पहुंचा वहां से दोनों भाई ट्रेन से बिलासपुर आए. यहां आने के बाद बिलासपुर में राकेश ने अपने बड़े भाई को पूरी सच्चाई बताई और कहा कि हमारे माता-पिता दोनों जीवित है. मार्च के पहले पखवाड़े में दोनों वापस ग्राम सलबा लौटे और इसके बाद थाने में वापस लौटने की सूचना दी. पुलिस ने गुम हुए राजेश का कथन लिया ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था. बहरहाल राजेश के घर वापस लौटने के बाद माता पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है. आखिरकार 13 साल बाद बड़े लड़के की वापसी हुई.
सालों तक क्या करता रहा युवक
राजेश सोनवानी ने अपनी आप बीती बताई और 13 सालों की पूरी कहानी भी बताई कि वह पंजाब कैसे पहुंचा. राजेश ने बताया कि वह साल 2007 में अपने एक दोस्त के साथ अंबिकापुर काम करने आया था. यहां कुछ दिनों तक काम करने के बाद दोनों बिलासपुर चले गए. वहां चार महीने तक काम करने के बाद वहां से दोनों रायपुर चले आए. रायपुर में ट्रक में हेल्पर का काम करने के बाद राजेश लोहे की फैक्ट्री में काम करने लगा. इस दौरान उसका दोस्त वापस अंबिकापुर लौट आया. रायपुर में काम करने के दौरान राजेश सोनवानी की पहचान बिहार के एक युवक से हुई. उस युवक के साथ ही राजेश बेहतर काम करने की तलाश में पंजाब चला गया जहां वह मजदूरी फिर राजमिस्त्री का काम करने लगा. इस तरह उसने कई साल पंजाब में बिता दिए. इसी दौरान राकेश सोनवानी के दोस्त आशुतोष से फेसबुक के जरिए राजेश की पहचान हुई और इस तरह उसकी 13 साल बाद घर वापसी हो पाई.