JAGDALPUR | अल्लाह ने आपको मंत्री, विधायक बनाया क्योंकि आप लोगों की सेवा कर सकें, अगर ऐसा नहीं कर सकते तो तत्काल अपनी गद्दी छोड़ दें

इराक के बगदाद से पहुंचे गौसे आजम दस्तगीर के वंशज, जमाल मिल में आयोजित गौसुलवरा कांफ्रेंस के जरिये दिया मैसेज, कहा मंत्री, विधायक या इस तरह के किसी भी पद पर बैठा व्यक्ति अगर जनता की सेवा नहीं कर सकता तो उसे गद्दी छोड़ देनी चाहिये।
जगदलपुर: इस्लाम धर्म के सूफी गौसे आजम दस्तगीर के 18 वें वंशज सैय्यद हाशिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवाव पर 19 मार्च को पहुंचे। यहां आते ही उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद देर शाम स्थानीय जमाल मिल परिसर में गौसुलवरा कॉफेंस आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के लोग भी पहुंचे। इस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सैय्यदी ने कहा कि भारत से उनका रिश्ता एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। उन्होंने कहा कि भारत के गुजरात राज्य के लोग एक हजार साल पहले गौसे आजम दस्तगीर से मिलने बगदाद आये थे। गौसे आजम भी गुजरात दो बार गये।

उन्होंने कहा कि गुजरात के मेमन कौम के लोग दस्तगीर को बेहद प्यार करते थे और दस्तगीर ने भी मेमन को धन और तरक्की बख्शी थी। उन्होंने मंच से कहा कि मैं आज इस मंच से एक बड़ा मैसेज देना चाहता हूं उन्होंने कहा कि मंत्री, विधायक या इस तरह के लोगों को गद्दी पर अल्लाह ने बिठाया है उन्हें गद्दी पर इसलिए बिठाया गया है कि वे सभी लोगों की सेवा करें और अमन शांति लायें, लेकिन यदि कोई राजनेता ऐसा नहीं करता है तो उसे तत्काल गद्दी छोड़ देनी चाहिये। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म अमन, शांति और मोहम्बत बांटने वाला धर्म है।

उन्होेंने इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब के एक किस्से को लोगों को बताया और कहा कि मोहम्मद जब भी अपने घर से बाहर निकलते थे तब एक यहूदी औरत उन पर कचरा फेंक देती थी। मोहम्मद रोज घर से निकलते थे और रोज औरत कचरा फैंकती थी। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा एक दिन जब मोहम्मद घर से निकले तो औरत ने कचरा नहीं फेंका, मोहम्मद उस औरत के घर पहुंच गये और उससे कहा कि तुमने आज मूझ पा कचरा नहीं फेंका तो मुझे तुम्हारी फिक्र हुई मन में आया कि कहीं तुम बीमार तो नहीं हो ऐसे में तुम्हारी खैरियत पूछने आ गया। औरत को मोहम्मद के बर्ताव से पछतावा हुआ।

सैय्यदी ने कहा कि इस्लाम की असली सीख मोहम्मद साहब के साथ हुई घटना से मिलती है। इसके अलावा उन्होंने बीवी मरियम की इबादत और नबीयों के संबंध में जानकारी दी। वहीं माहे शाबान की बरकतों के बारे में भी बताया। इसके अलावा अंजुमन इस्लामिया कमेटी के द्वारा गरीबों की मदद के लिए शुरू किये फाउंडेशन को एक लाख ग्यारह हजार रूपये दिया रविवार को सैय्यदी वापस लौट गये।


एयरपोर्ट से लेकर क्रब्रस्तान तक स्वागत, आदिवासी लोक नर्तकों ने भी किया स्वागत
इधर सैय्यदी हैदराबाद वाली नियमित फ्लाईट से जगदलपुर पहुुंचे राज्य सरकार ने उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया हुआ था। ऐसे में उनके स्वागत के लिए विधायक, महापौर, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा भी एयरपोर्ट पहुुंचे थे। एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़ भी स्वागत के लिए उमड़ पड़ी। इसके बाद हजरत को एयरपोर्ट से कब्रस्तान ले जाया गया। इस दौरान चौक-चौराहों पर उनका भव्य स्वागत किया गया। शहीद पार्क चौक पर अमीने शरीयत ग्रुप की ओर से फूलों की बारिश की गई तो कोतवाली चौक पर मुस्लिम युवा मंच के सदस्यों ने सैय्यद राजा हसन के नेतृत्व में आदिवासी नर्तकों के साथ पारंपरिक बस्तरिया अंदाज में उनका स्वागत किया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भ्ी की गई। इसी तरह सर्वधर्म समाज के लोगों ने भी उनका स्वागत किया।

इसके बाद हजरत जगदलपुर मुस्लिम समाज के सदर हासिम खान के निवास स्थान पर गये और यहां भी लोगों से मुलाकात की। इसके बाद दूसरे दिन भी सैय्यदी शहर के फारूक नवीवाला, एस करीमुद्दीन सहित अन्य लोगों के घरों पर गये और लोगों से मुलाकात की।


आईपीएस अंकिता शर्मा को सैय्यदी ने दी शाल
सैय्यद हाशिमुद्दीन अल गिलानी बगदादी की सुरक्षा में लगी आईपीएस अंकिता शर्मा को खुद सैय्यदी ने शाल भेंट किया। उन्होंने आईपीएस अंकित शर्मा से मुलाकात की और उनसे बात की। इस दौरान हजरत ने कहा कि आप बगदाद नहीं आ पाईं इसलिए बगदाद यहां आ गया। दरअसल एयरपोर्ट से निकलते ही सैय्यदी से मिलने के लिए हजारों लोग उनकी तरफ बढ़ गये। इसके बाद उन्हें कार में बिठाया गया और जब वे कब्रस्तान में उतरे तब भी हजारों की भीड़ उनसे मिलने बेताब होने लगी थी। इस दौरान आईपीएस अंकिता शर्मा सैय्यदी की सुरक्षा में लगी हुईं थीं और उन्होंने भीड़ को दूर करने में काफी मेहनत की थी।

खबर को शेयर करें