अजय चन्द्राकर बोले- ‘छत्तीसगढ़ में गोबर आधारित सरकार’, सफाई देते हुए कहा मैंने राजकीय चिन्ह का नहीं किया अपमान

रायपुर : गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह घोषित करने के बयान पर सियासत शुरू हो गई है. अब पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने सफाई भरा वीडियो जारी किया है, उन्होंने वीडियो में कहा है कि- ‘छत्तीसगढ़ में एक नई सोच की सरकार आई है जो गोबर आधारित है, इसलिए मैंने गोबर के प्रतीक को भेजा है.’   

इसके अलावा उन्होंने कहा है कि ‘मैंने एक सुझाव दिया है कि गोबर को राजकीय चिन्ह बनाया जा सकता है. मेरा राष्ट्र या प्रदेश के राजकीय चिन्हों के अपमान का कोई उद्देश्य नहीं है मैंने सुझाव दिया है न की किसी प्रतीक के प्रति अपमान व्यक्त किया है.

ये है पूरा मामला

दरअसल यह मामला सुर्ख़ियों में तब आय जब छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना का ऐलान किया. इसके बाद  इस योजना की भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ाई. इसके बाद ट्विटर पर दोनों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप करने का सिलसिला शुरू हो गया. अजय चंद्राकर ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि- ‘छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए.’

अजय चंद्राकर के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

वहीं इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर इसका जवाब दिया- ‘भाजपा नेता अपने दिमाग में भरे गोबर का इस्तेमाल करके भी आमदनी कर सकते हैं। कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा है। आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा के नेताओं को काफ़ी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए। दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएँ। कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग़ में घुसेगी।’

खबर को शेयर करें