जगदलपुर: कोरोन के कारण इंसान के दो पहलू सामने आ रहेे हैं। एक ओर जहां लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डर की वजह से दूर रहने में ही भलाई समझते हैं। ऐसा ही एक मामला बास्तानार से सामने आ रहा हैं। जहां शिक्षक पिता की मौत के बाद मां ने भी कुछ ही घंटों में दम तोड़ दिया। दो मासूम बच्चे उन्हें सोता समझकर रो-रोकर उठाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन किसी ने भी कोरोना के डर से उन बच्चों को पुचकारा नहीं।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक का नाम भागीरथी ओगरे कोरोना संक्रमित थे। तबीयत बिगड़ने के बद उन्हें डिमरापाल के मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया था। उनकी पत्नी संतोषी ओगरे भी संक्रमित थी पर कोई समस्या न होने पर उन्होंने होम आइसोलेशन ले लिया था। घर पर उसके दो बेटे जिनकी उम्र 5 साल और 3 साल थी साथ रह रहे थे। शिक्षक ने शनिवार को दम तोड़ दिया और उनके अंतिम संस्कार के बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।
संतोषी मरी हुई थी और बच्चे उसे सोता जानकर रो-रोकर उसे उठाने का प्रयास कर रहे थे। मकान मालिक ने जाकर देखा तो संतोषी की मौत हो चुकी थी। लोग मौत की खबर सुनकर घर पर जमा हुए लेकिन रोते हुए बच्चों को किसी ने चुप नहीं कराया। अनाथ हो चुके बच्चे पेड़ के नीचे रोते बैठे रहे। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने बाद में बच्चों को अपनी कस्टडी में ले लिया।