गरियाबंद. पुलिस ने गोहरापदर रोड़ में तेतेलपारा के पास पवित्र दौरा के खलिहान में पैरा से ढके लाश की गुत्थी सुलझा ली है. लहूलुहान और चोट के कई निशान देख पुलिस को देखते ही समझ में आ गया था कि, मामला हत्या का है. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मामले का 1 आरोपी अब भी फरार है. पुलिस तलाश में जुटी हुई है.
बता दें कि, पतिराम यादव के घर जुलाई में 13 साल के बेटे की इलाज के बाद भी मौत हो गई. उसे लगा कि, काला जादू के कारण उसके बेटे की मौत हुई है. जिसके बाद उसने तेतलपारा निवासी जयसिंह के मदद से ओडिशा के झुलनबर निवासी बैगा बिरोचरण से सम्पर्क साधा. जुलाई माह में बैगा ने घुमरापदर के अट्ठारह नाला निवासी पतिराम के घर पहुंचकर तांत्रिक क्रिया किया. जिसके लिए उसने 65 हजार लिया. कुछ दिन बाद परिवार का सदस्य फिर बीमार हो गया. पतिराम को लगा कि तांत्रिक क्रिया काम नहीं किया है. उसने जयसिंह से सम्पर्क साध बैगा को दिए पैसे वापस मांगने कहा.
सपने ने खोला मौत का राज
इस दौरान जयसिंह ने पतिराम को बताया कि बैगा 2 जनवरी को फिर से एक क्रिया करने घुमरापदर आ रहा है. जिसके बाद पतिराम अपने परिजनों के साथ उस जगह पर पहुंच गया. जहां पैसे वापस करने बिरोचरन से विवाद शुरू हुआ. हालांकिस बैगाने पैसे वापस देने से मना कर दिया. जिसके बाद पतिराम और उसके साथियों ने लात-घूंसे और लाठी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया. वहीं जयसिंह औऱ दाखिल ने बाइक से शव लाकर पवित्रो दौरा के खलिहान में पैरा से ढक दिया था. दाखिल ने बताया कि वारदात के बाद उसे सपने आते रहे. डर के कारण वह लाश को देखने 4 दिन बाद खलिहान के पास आया था.
सलाखों के पीछे 4 कातिल
थाना प्रभारी बोधन लाल साहू ने बताया कि, मामले में दाखिल मांझी उम्र 47 वर्ष निवासी झुलनबर ओड़िसा, पतिराम यादव उम्र 35 वर्ष निवासी धारनिधौड़ा, सुंदर यादव उम्र 27 वर्ष निवासी घुमरापदर, चरणसिंह यादव उम्र 35 वर्ष निवासी घुमरापदर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. मामले का 1 आरोपी जयसिंह फरार है, जिसकी धरपकड़ के लिए टीम बनाई गई है. उक्त मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302,201(34) के तहत मामला दर्ज किया गया है.