RAIPUR | आखिर बीजेपी-कांग्रेस क्यों नहीं कर रही है महापौर के चेहरे का ऐलान? जानिए क्या कहते हैं दिग्गज नेता

रायपुर: छत्तीसगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव में महापौर अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाएंगे। ऐसे में बीरगांव नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव से पहले महापौर के चेहरे का ऐलान नहीं किया है। वहीं अजीत जोगी के निधन के बाद एकदम से सन्नाटे में चली गई जोगी कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से एक कदम आगे निकल गई है। चुनाव से पहले ही जेसीसीजे ने बीरगांव नगर निगम से एवज देवांगन को महापौर प्रत्याशी के रूप में खड़ा कर दिया है। रायपुर के बीरगांव नगर निगम में इन दिनों निकाय चुनाव का माहौल अपने पूरे शबाब पर है।

बीरगांव के सभी 40 वार्डों में बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे के प्रत्याशी मैदान पर हैं, लेकिन चुनाव से पहले कलह से बचने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने महापौर के चेहरे को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि जेसीसीजे महापौर के प्रत्याशी के नाम के ऐलान के साथ खुलकर मैदान में आ गई है।

भले ही बीजेपी इन दिनों प्रदेश में पदों पर बैठे कांग्रेस जनप्रतिनिधियों पर यह आरोप लगाती रही है कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी को खुद अपनी ही मौजूदा महापौर पर भरोसा नहीं रहा। एंटी इंकम्बेंसी के डर से बीरगांव नगर निगम में अंबिका यदु का टिकट काट दिया। टिकट कटने के बाद अब बीजेपी से महापौर का चेहरा नया होगा। अब इसे बीजेपी का अतिआत्मविश्वास कहिए या कार्यकर्ताओं पर भरोसा कि रायपुर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी यह दावा कर रहे है कि उनके 40 के 40 चेहरे महापौर के हैं और बीजेपी में जो पार्टी तय करती है वही चेहरा महापौर का होता है।

वहीं निगम-मंडल और आयोग में नियुक्तियों को लेकर लगातार गुटबाजी और कार्यकर्ताओं की नाराज़गी झेल रही कांग्रेस अभी महापौर प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर अपने हाथ नहीं झूलसाना चाहती। यही वजह है कि इस वक्त बीरगांव चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर चुनावी बागडोर तक और परिणाम के बाद महापौर बनाने के गुणा-गणित की जिम्मेदारी सम्भाल रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता और स्थानीय विधायक सत्यनारायण शर्मा भी महापौर के चेहरे को लेकर चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए केवल यह कह रहे हैं कि पहले पार्षद जीतेंगे और फिर महापौर पार्टी तय करेगी।

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