Cricket | आखिर महेन्द्र सिंह धोनी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन ही क्यों लिया सन्यास? कारण जानकर आप हो जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: देश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर क्रिकेट प्रेमियों को एक बड़ा झटका उस समय लगा, जब टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। धोनी के इस फैसले ने सभी को हैरत में डाल दिया। वे अब कुछ ही साल मेहमान के तौर पर क्रिकेट में दिखाई देने वाले हैं, क्योंकि उनको अब ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिलेगा।

एमएस धोनी आजादी के दिन ही इंटरनेशनल क्रिकेट से आजाद हो गए हैं। उनके सन्यास को लेकर लंबे समय से चर्चाएं चल रही थी। वजह यह भी कि वह क्रिकेट में ज्यादा सक्रिय नहीं थे। उनकी हार्दिक इच्छा थी कि वह टी20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर से देश का प्रतिनिधित्व करें, लेकिन कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण इसे आइसीसी ने स्थगित कर दिया।

आपको बता दें कि धोनी का भारतीय सेना के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं है। यही नहीं धोनी को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली हुई है। बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी ने पैराट्रूपर के तौर पर पिछले साल एक महीने तक जम्मू-कश्मीर में समय बिताया था। यही नहीं जब उनको देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से साल 2018 में नवाजा गया तो वे सैन्य वर्दी में राष्ट्रपति भवन में पहुंचे थे।

वल्र्ड कप 2019 के एक मैच में एमएस धोनी के विकेटकीपिंग के दस्तानों पर पैराट्रूपर आर्मी का बलिदान वाला बैज लगाया था।पाकिस्तान टीम की आपत्ति के बाद धोनी ने उन दस्तानों को नहीं पहना था। धोनी ने रांची के जेएससीए स्टेडियम में इंडियन आर्मी की टोपी पहनकर मुकाबला खेला था।

14 अगस्त को आईपीएल 2020 की तैयारियों के लिए जब धोनी चेन्नई के लिए रवाना हुए थे, तो रांची के एयरपोर्ट पर उन्हें आर्मी ड्रेस वाले मास्क के साथ स्पॉट किया था। यहां तक कि तमाम मौकों पर धोनी आर्मी ट्राउजर, टीशर्ट, कैप या फिर बैग के साथ नजर आ जाते हैं।

यही कारण है कि संन्यास के लिए 15 अगस्त यानी आजादी के दिन से खास मौका महेंद्र सिंह धोनी के लिए नहीं हो सकता था। माना जा रहा है कि धोनी का देश के प्रति प्रेम यही दर्शाता है कि उन्होंने इसी वजह से 15 अगस्त को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा है।

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