नई दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखें भर आयी। वह अपनी और गुलाम नबी आजाद की मित्रता को याद करते हुए भावुक हो गए। आपको बता दें कि यह पहला मौका नही जब पीएम भावुक हुए इससे पहले भी कई बार उनकी आँखें नम हुई हैं।
जाने कब-कब पीएम मोदी हुए भावुक
16 जनवरी 2021- कोरोना वायरस महामारी के संघर्ष भरे दिनों को याद करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए थे। कोरोना वारियर्स के संघर्ष का जिक्र करते हुए पीएम के आँसू छलक गए थे।
20 मई 2014- बीजेपी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संसद के सेंट्रल हाल में स्पीच देते वक्त बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी के बयान का जिक्र आते ही मोदी की आंखों से आँसू छलक पड़े थे। भावुक आवाज में उन्होंने कहा कि कृपा शब्द का प्रयोग न करें। माँ की सेवा कृपा नहीं होती। मेरे लिए बीजेपी माँ के समान है और मैं उनकी सेवा करना चाहता हूं।
28 सितंबर 2015- जब मोदी फेसबुक के हेडक्वॉर्टर में मार्क जुकरबर्ग के सवालों का जवाब देते वक्त अपनी माँ के संघर्ष भरे दिनों को याद करते हुए उनकी आंखें नम हो गई और वे इस बारे में बताते बताते भावुक हो गए।
13 नवम्बर 2016- गोवा में भाषण के दौरान नोटबन्दी के फैसले पर बात करते हुए पीएम भावुक हो गए थे।
मई 2020- मोदी ने बंगाल विजिट के दौरान जब पहली बार बेलूर मठ का दौरा किया। मठ में जब खासतौर पर उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया तो मोदी काफी भावुक हो गए। जब वे अपनी युवास्था में साधु बनना चाहते थे तब इसी मठ ने उनकी अपील 3 बार नामंजूर कर दी थी।