BILASPUR NEWS | DSP को बेहोश होने तक पीटा, पांच गिरफ्तार: जानिए वजह

बिलासपुर:

रेलवे स्टेशन पर पार्किंग को लेकर लगातार झगड़े हो रहे हैं। ऑटो संचालन भी लगातार गड़बड़ है। डीएसपी के साथ मारपीट की घटना से लोग फिर दहशत में आ गए हैं। इसके पहले एक डिप्टी कलेक्टर और आरपीएफ के जवानों को भी इसी तरह पीटा जा चुका है। ऑटो चालक गुंडागर्दी पर उतारू हैं और रेलवे व आरपीएफ के कुछ अफसर मिले हुए हैं। गांधी चौक के पास डीएसपी व उनकी बहन पर जानलेवा हमला करने वालों में पुलिस ने नाबालिग सहित पांच ऑटो चालकों को गिरफ्तार किया है।

दूसरा ऑटो बदलकर गांधी चौक पहुंचे तो पीछा करते हुए आरोपी भी पहुंच गए

गिरफ्तार ऑटो चालकों में चुचुहियापारा सिरगिट्‌टी निवासी अल्ताफ खान व राजू खान, तारबहार निवासी मोहम्मद समीम, कतियापारा निवासी आकाश श्रीवास और एक नाबालिग शामिल है। पुलिस ने इन्हें रेलवे स्टेशन व गांधी चौक से पकड़ा। रविवार को इन्होंने गांधी चौक के पास बालोद निवासी व कोरबा के प्रशिक्षु डीएसपी भूपत सिंह धनेश्वरी (30) वर्ष से मारपीट की थी। भूपत सिंह उरगा थाना में पदस्थ हैं और उनकी बहन बिलासपुर में रहकर पढ़ाई करती है।

क्या है मामला :

रविवार को पीएससी की परीक्षा देने दुर्ग गई थी। वहां से दोनों अमरकंटक एक्सप्रेस से रात 11.30 बजे बिलासपुर पहुंचे। स्टेशन के बाहर ऑटो में बैठकर गांधी चौक आ रहे थे। रास्ते में ऑटो चालक ने दो अन्य लोगों को बिठाने लगा। चालक ने डीएसपी को आगे में बैठने के लिए कहा पर डीएसपी ने नियम का हवाला देकर सामने बैठने से मना कर दिया। इससे ऑटो चालक उनके साथ विवाद करने लगा। वह गुस्से में आ गया और डीएसपी के साथ मारपीट करने लगा। इस बीच डीएसपी की बहन ने विवाद शांत कराया। इसके बाद दोनों लोग दूसरे ऑटो में बैठकर गांधी चौक आ गए। इसी बीच पहले वाला ऑटो चालक अपने 12-15 साथियों के साथ पीछा करते हुए गांधी चौक तक पहुंच गया और डीएसपी को घेर लिया। इसके बाद रॉड और लाठी से सिर पर हमला कर दिया। उनके साथ जमकर मारपीट की गई। उनकी बहन ने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई।

दो साल पहले डिप्टी कलेक्टर पिट चुके हैं इनके हाथों

20 अगस्त 2017 की रात 12 बजे की है। बिलासपुर के नवनियुक्त डिप्टी कलेक्टर मनीष साहू अपने पांच दोस्तों के साथ रायगढ़ से बिलासपुर पहुंचे। सारनाथ एक्सप्रेस से उतरकर वे स्टेशन के गेट नंबर चार पर ऑटो करने के लिए पहुंचे। ऑटो चालक ने उन्हें रुकवाया।मनीष ने दो ऑटो कर दोस्तों के साथ घर जाने की बात कही। ऑटो चालक अड़ गया। उसने एक ही ऑटो में सभी को जाने की बात कही। इसी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद गहरा गया। देखते ही देखते कई ऑटो चालक पहुंच गए। उन्होंने साहू समेत अन्य लोगों से मारपीट की। कुछ आरपीएफ जवान पहुंचे तो मामला शांत हुआ। तब तक चालक फरार हो चुका था।

संयोग देखिए दोनों ही बालोद के रहने वाले

पहले जिन डिप्टी कलेक्टर की पिटाई हुई थी वह भी बालोद का रहने वाले थे और रविवार की रात जिस डीएसपी की पिटाई हुई वह भी यहीं के रहने वाले हैं।

आरपीएफ जवानों को पीटा था

सालभर पहले रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों ने आरपीएफ जवानों से मारपीट की थी। विरोध में काफी हंगामा हुआ और बदला लेने के लिए आरपीएफ के जवान ने 50 ऑटो में तोड़-फोड़ की थी।

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