भोपाल:
राजधानी की मांडवा बस्ती में 8 जून को हुई मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म और उसके बाद हत्या आरोपी को कोर्ट ने सजा-ए-मौत दी है। कोर्ट के इस फैसले को मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्वागत योग्य कदम बताया है।
भोपाल की विशेष अदालत ने 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई। इस मामले की सुनवाई में कोर्ट ने तेजी दिखाते हुए गुरुवार को घटना के 32वें दिन फैसला दिया। सजा के ऐलान से पहले जज कुमुदिनी पटेल ने दोषी विष्णु बामोरे (35) से पूछा कि उसे अपने पक्ष में कुछ कहना है तो उसने जवाब दिया- कुछ नहीं। राजधानी के कमला नगर में 8 जून को बच्ची के साथ बर्बरता की गई थी। इसके अगले दिन शव नाले में पड़ा मिला था।
बुधवार को दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत ने विष्णु बामोरे को दोषी करार दिया था। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर बच्ची के परिजन और तमाम लोग मौजूद थे। दोषी पर हमले की आशंका को चलते कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए।
पुलिस ने 108 पेज का चालान पेश किया
इस मामले में पुलिस ने 17 जून को कोर्ट में 108 पेज का चालान पेश किया था। 19 जून को कोर्ट में आरोप तय हुए। पुलिस ने 40 लोगों को गवाह बनाया था। कोर्ट ने विष्णु बामोरे को बच्ची के साथ ज्यादती, अप्राकृतिक कृत्य और उसके बाद हत्या का दोषी माना।
पुलिस ने कहा था- एक महीने में दिलाएंगे सजा
भोपाल पुलिस ने घटना के बाद विष्णु बामोर को खंडवा से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि इस मामले में एक महीने में दोषी को सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस बात को देखते हुए गिरफ्तारी के बाद तुरंत चालान पेश किया गया।
8 जून को हुई थी घटना
राजधानी के कमला नगर में बच्ची की 8 जून को दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अगले दिन यानी 9 जून को बच्ची का शव नाले से बरामद किया गया। दोषी विष्णु बच्ची के पड़ोस में ही रहता था। बच्ची घर से कुछ सामान लेने निकली थी, तभी उसने बच्ची को बहलाकर अपने घर ले गया। पुलिस ने विष्णु के घर से बच्ची की चूड़ी और अन्य सबूत भी बरामद किए थे।
त्वरित लिया गया फांसी की सज़ा का फ़ैसला स्वागत योग्य है : मुख्यमंत्री कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भोपाल की मांडवा बस्ती में 8 जून को हुई मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के आरोपी को न्यायालय द्वारा त्वरित लिया गया फांसी की सज़ा का फ़ैसला स्वागत योग्य है।
फांसी देने के बाद फांसी पर लटकाना चाहिए : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, “हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। इससे पहले 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन इसमें एक दिक्कत है कि लोअर कोर्ट की सजा के बाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और इसके बाद राष्ट्रपति जी तक गुहार लगाई जा सकती है।
ऐसे में दोषियों को फांसी पर लटकाया नहीं जाता है। इसलिए मैं चीफ जस्टिस से मांग करता हूं कि लोअर कोर्ट में जिन्हें फांसी की सजा दी जाए, उन्हें तत्काल फांसी पर लटका देना चाहिए। इसलिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बने और इन्हें सजा के बाद फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए।