दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़):
युवाओं को नक्सलियों की हकीकत बताने के लिए दंतेवाड़ा पुलिस एक शॉर्ट फिल्म बना रही है। इस फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार दंतेवाड़ा में ही पदस्थ एएसपी सूरज सिंह परिहार हैं। कलाकार भी पुलिस के ही 100 जवान और सरेंडर कर चुके नक्सली हैं। फिल्म का नाम ‘नई सुबह का सूरज’ रखा गया है।
फिल्म में नक्सलवाद की सच्ची घटनाओं का फिल्मांकन किया गया है। करीब 10 मिनट की इस शॉर्ट-फिल्म की शूटिंग के लिए भिलाई, रायपुर से जवानों की एक टीम दंतेवाड़ा पहुंची है। दंतेवाड़ा जिला पुलिस बल और डीआरजी के जवानों के अलावा फिल्म में सरेंडर कैडर के नक्सली भी अभिनय करते नजर आएंगे। फिल्म में एसपी का रोल भी खुद एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ही अदा कर रहे हैं। शूटिंग की शुरुआत कारली के घने जंगल से हो रही है। इसके अलावा दंतेवाड़ा की अलग-अलग लोकेशंस में भी शूटिंग होगी।
इसलिए सिर्फ एक बाहरी कलाकार :
फिल्म में नक्सलियों के सबसे बड़े नेता गणपति, हिड़मा और हुंगी का मुख्य किरदार है। गणपति के रोल के लिए भिलाई के कलाकारों को बुलाया गया है। क्योंकि, नक्सलियों के बड़े लीडर्स दंतेवाड़ा के बाहर के होते हैं, ऐसे में इस किरदार के लिए बाहर के कलाकार को चुना गया।
स्कूलों और गांवों में बांटेंगे फिल्म :
पल्लव ने बताया, नक्सली अब तक ग्रामीणों और बच्चों का ब्रेनवाश करते आए हैं। अब तक नक्सलवाद के बारे में बाहरी लोग ही लिखते या फिल्म बनाते रहे हैं। लिहाजा फिल्म यथास्थिति से दूर रहती हैं। अब बस्तर के लोग खुद फिल्म बना रहे हैं। नक्सल संगठन की खींचतान और हकीकत बताने वाली बातों का समावेश फिल्म में है। फिल्म बनने के बाद इसे पेन ड्राइव के जरिए स्कूलों, आश्रमों और गांवों में पंचायतों और लोगों को देखने के लिए दिया जाएगा।
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी :
एक सरेंडर महिला नक्सली एसपी के पास बच्चे को लेकर पहुंचती है। कहती है- “सर, मेरा बच्चा अब 3 साल का हो गया है, इसे स्कूल भेजना चाहती हूं। एसपी कहते हैं- “तुम्हारा सूरज, हमारे लिए ‘नई सुबह का सूरज’ जैसा है, इसके लिए मैंने पास के स्कूल में बात कर ली है कोई समस्या नहीं है।” ऐसी ही 8-10 कहानियों के दृश्य होंगे। एएसपी सूरज ने बताया यहां आने के बाद नक्सलवाद के दर्द को समझ कर यह कहानी लिखी है। एएसपी सूरज को राष्ट्रपति से बालश्री सम्मान भी मिल चुका है।