मुंबई:
पुणे की अतिरिक्त जिला उपभोक्ता फोरम ने खाना डिलिवरी करने वाली वाली कंपनी जोमैटो और एक होटल पर 55 हजार का जुर्माना लगाया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने शहर के एक वकील को शाकाहारी भोजन की जगह दो बार मांसाहारी भोजन की डिलिवरी की.
वकील शनमुख देशमुख की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए फोरम ने पुणे स्थित जोमैटो ऑफिस और उसके गुरुग्राम स्थित हेड ऑफिस के साथ होटल प्रीत पंजाबी स्वाद को आदेश दिया है कि वे पूरी राशि 45 दिन में दे दें. इसमें देरी करने पर उसे 10 प्रतिशत ब्याज के साथ देना होगा.
होटल प्रीत पंजाबी हिंजेवाणी, पुणे में स्थित है. जुर्माने के 50 हजार सेवा में की गई लापरवाही और बाकी के 5 हजार शारीरिक और मानसिक तकलीफ पहुंचाने के दंडस्वरूप हैं. वहीं जोमैटो के रीजनल मैनेजर विपुल सिन्हा ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें इस किस्म के किसी आदेश की जानकारी नहीं है, वहीं जोमैटो के प्रवक्ता ने फोन ही नहीं उठाया.
जोमैटो ऐप से पनीर बटर मसाला मंगवाया था
देशमुख बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस करते हैं. 31 मई 2018 को वह दफ्तर के काम से पुणे गए थे. वहां उन्होंने जोमैटो ऐप का इस्तेमाल करके होटल से पनीर बटर मसाला मंगवाया था. देशमुख गणेश भक्त हैं और गुरुवार को सारा दिन व्रत करते हैं. शाम को व्रत तोड़ने के लिए ही उन्होंने जोमैटो ऐप से खाना ऑर्डर किया था. देशमुख जिस हॉस्टल में ठहरे थे वहीं खाने का यह पार्सल आया. बाद में देशमुख ने हाउसमेड से भोजन परोसने को कहा, लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि यह पनीर बटर मसाला न होकर बटर चिकन है.
देशमुख ने तुरंत पार्सल देने वाले जोमैटो के डिलिवरी बॉय को कॉल करके इसकी जानकारी दी. जोमैटो के डिलिवरी बॉय ने बताया कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि वे लोग पार्सल खोलकर नहीं देखते केवल उसे डिलिवर करते हैं.
दूसरी बार भी बटर चिकन ही आया
इसके बाद देशमुख ने होटल प्रीत पंजाबी स्वाद के मैनेजर से संपर्क किया. मैनेजर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उन्हें दूसरा पार्सल भेजा जाएगा. दूसरा डिलिवरी बॉय देशमुख के लिए दूसरा पार्सल लेकर आया. इसकी रसीद में भी पनीर बटर मसाला लिखा हुआ था. लेकिन जब देशमुख ने पार्सल खोला तो वह हैरान रह गए क्योंकि इस बार भी उसमें बटर चिकन ही था.
कुछ दिनों बाद देशमुख ने अपने वकील संदेश गुंडगे के जरिए फूड डिलिवरी चेन और होटल को कानूनी नोटिस भेजे. इसमें देशमुख ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए हर्जाने की मांग की थी. लेकिन न तो जोमैटो और न ही होटल ने कोई जवाब दिया. इसके बाद देशमुख ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और हर्जाने के तौर 5 लाख और मानसिक उत्पीड़न के लिए 1 लाख रुपयों की मांग की थी.