क्या आज ही है, दुनिया का आखिरी दिन ?

इकराम नवी

रायपुर में आज की सुबह एक ऐसी खबर से हुई, जिसने पूरे रायपुर को झकझोर दिया है। जी हां ! आज सुबह उठते ही दिन की शुरुआत होते-होते रायपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित एक युवती के AIIMS में दाखिला होने की खबर आई। क्योंकि यह रायपुर में संक्रमण ग्रसित होने का पहला मामला है, लोग घबराए हुए हैं। इसके बाद अभी शाम ढलने के पहले तक लोग सड़कों पर हैं और हर व्यक्ति को यही लग रहा है, कि मानो आज दुनिया का आखरी दिन हो। इसके बाद कल से सब खत्म हो जाएगा। हर सड़क पर जाम की स्थिति है, लोग राशन मेडिकल एवं आम जरूरत की चीजें लेने के लिए टूट पड़े हैं। इस अफरा-तफरी के बीच सैनिटाइजर और मास्क तिगुनी कीमतों पर बिक रहा था। वहीं आज से राशन भी महंगा हो गया। चावल, आलू, प्याज, दाल एवं जरूरी सामान का भाव किराने की दुकान एवं जनरल स्टोर्स वालों ने खुद से बढ़ा दिया है।

एक मेडिकल स्टोर पर भीड़ देखकर रुकने पर पता चला, कि लोग बीपी, शुगर एवं अन्य सामान्य बीमारियों की दवा का एक माह का स्टॉक आज ही खरीदना चाहते हैं। मास्क की तो इतनी डिमांड कि लोग पैसे देकर जा रहे हैं और मास्क कल या परसों लेने की बात कह रहे हैं। मेडिकल स्टोर वाला भी मजे से मास्क का एडवांस ले रहा है। वही सब्जी मार्केट में भी लगभग यही आलम है। सब्जी-भाजी लेने के लिए लोग टूट पड़े हैं। कई सब्जी वालों को तो दोपहर तक ऐसी कोई खबर ही नहीं थी, जब ग्राहक बढ़ने लगे तब उनको पता लगा कि लोग सब्जी का भी स्टॉक करने मार्केट पहुंचे हैं।

कोरोनावायरस को हल्के में लेने की गलती हमें नहीं करनी है, पर ज्यादा पैनिक होने की भी आवश्यकता नहीं है। हर स्थिति परिस्थिति में शांति से समझकर डील करना अच्छा होता है। आज की स्थिति ने हमें डरा दिया, यह अच्छा है, क्योंकि हम इससे सतर्क हो गए। हम जितनी जल्दबाजी राशन और दवाओं का स्टॉक भरने में दिखा रहे हैं, उतनी ही जल्दी हमें इस महामारी को समझने एवं बचाव के तरीके अपनाने में दिखानी चाहिए। हमें पैनिक होकर ऐसा काम नहीं करना है जो कि दूसरों के लिए असुविधा का कारण बने। आज दुनिया का आखिरी दिन नहीं है, हमें मिलकर साहस एवं समझ से इस महामारी से लड़ना है। कोशिश करना है, कि इसे फैलने से रोकें। चाहे इसके लिए हमें खुद ही घर में बंद क्यों ना होना पड़े।

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