न्यायाधीशों ने बच्चों मे सोशल मीडिया के दुष्परिणाम की जानकारी दी – महिला लैंगिंक उत्पीड़न अधिनियम के तहत कार्यशाला आयोजित

फारुक मेमन

गरियाबंद : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न  अधिनियम 2013 एवं नवा बिहान योजनान्तर्गत घरेलू हिंसा से महिलाओ का संरक्षण अधिनियम 2005 अंतर्गत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन आज हाॅटल सिटी रिजेन्सी गरियाबंद किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री राजभान सिंह, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अगम कुमार कश्यप भी सम्मिलित हुए।

प्रशिक्षण सह कार्यशाला मे विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री राजभान सिंह ने पाक्सो एक्ट से संबंधित जानकारी देते हुए बच्चे के सोशल मिडिया दुरूपयोग से होने वाले दुष्परिणाम के संबंध जानकारी दी। साथ ही छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 के अंतर्गत किसी भी महिला को टोनही, डायन, बिसाहन, पांगन आदि शब्दो से इंगित करना भी कानूनन अपराध माना जाता है के संबंध मे विस्तृत जानकारी दी।

कार्यशाला में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अगम कुमार कश्यप ने विशाखा मामला तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्देश जैसा कि महिलाओ को अब मेलेट्री (आपरेशन) भर्ती के संबंध, हिन्दू विवाह एक्ट की जानकारी एवं विधिक साक्षरता से मिलने वाली सुविधाओ के संबंध मे जानकारी दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती जगरानी एक्का ने  कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं नवा योजनान्तर्गत घरेलू हिंसा से महिलाओ का संरक्षण अधिनियम 2005 के संबंध मे विस्तृत जानकारी दी।

अधिवक्ता श्री एच.एस.यदू एवं श्री हेमराज दाऊ पैनल अधिवक्ता के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं नवा बिहान योजनान्तर्गत घरेलू हिंसा से महिलाओ का संरक्षण अधिनियम 2005 के संबंध मे एवं विभिन्न कानून के संबंध मे जानकारी दिया गया। कार्यशाला मे डाॅ. ए.आर. सिंह जेम्स द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न(निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के संबध मे विशेष जानकारी दिया गया। श्रीमती लता पटेल संरक्षण अधिकारी नवा बिहान एवं श्रीमती रेवती यादव सखी वन स्टाॅप सेंटर गरियाबंद के द्वारा क्रमश लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 एवं सखी सेंटर के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी परियोजना अधिकारी, सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

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