बस्तर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसा नक्सल प्रभावित गांव चांदामेटा में आजादी के 75 साल बाद पहली बार मतदान होगा. यहां के ग्रामीणों को जिला प्रशासन की टीम लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने के लिए जागरूक कर रही है.यहां के ग्रामीणों में मतदान को लेकर उत्साह दिख रहा है
उत्साह हुआ दुगुना
चांदामेटा गांव के 25 से अधिक ग्रामीण पिछले कुछ सालों से नक्सली सहयोगी के आरोप में जेल में सजा काट रहे थे. लंबे समय तक चले सुनवाई के बाद ग्रामीणों के निर्दोष साबित होने पर 25 में से 16 ग्रामीणों को रिहा कर दिया गया है और सभी अपने घर वापस लौट आए हैं. इसके साथ ही अन्य ग्रामीणों की रिहाई के लिए भी न्यायालयीन प्रक्रिया जारी है.इसलिए इस दफा चुनाव में ग्रामीणों का उत्साह दुगुना है.
उड़ीसा के बॉर्डर में स्थित दरभा ब्लॉक के चांदामेटा गांव में नक्सलियों के बड़े नेता हमेशा इलाके में सक्रिय रहते थे. यहाँ नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप भी हुआ करता था यही कारण है कि इस क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को शक की निगाहों से देखा जाता था.
इलाके में हुई नक्सली घटनाओं में संदेह के आधार पर कुछ ग्रामीणों को गिरफ्तार कर गांव के संदिग्ध न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया था. न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद अब इन ग्रामीणों को रिहाई मिल रही है और अब ग्रामीण जेल से रिहा होकर अपने घर की ओर लौट रहे हैं.