रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा कि क्या मोदी सरकार रेलवे को बेचने जा रही है? बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बघेल ने आशंका के साथ यह सवाल किया है। उन्होंने इसके लिए एयरपोर्ट के निजीकरण का उदाहरण दिया और कहा कि ‘बिक्री’से पहले उन्हें भी चमका दिया गया था। बुधवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रेलवे के पूंजीगत आवंटन में लगभग एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा कर दो लाख 40 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी रकम है।
बघेल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘2.40 लाख करोड़ रुपया बजट में रेलवे के लिए रखा गया है। क्या कर्मचारियों के लिए है, नई भर्तियों के लिए है या ऐसा तो नहीं है जैसे एयरपोर्ट को बेचने से पहले सैकड़ों, हजारों करोड़ रुपए उसके सुधार में लगा दिए और फिर निजी हाथों में बेचा गया, इसी तरह की सोच तो नहीं है केंद्र सरकार की, इसको (रेलवे) भी बढ़िया से चकाचक कर दिया जाए और फिर निजी हाथों में बेच दिए जाएं।’
रेलवे को मिला रिकॉर्ड पैसा
आम बजट 2023-24 में भारतीय रेलवे के पूंजीगत आवंटन में लगभग एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा कर दो लाख 40 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे को वत्ति वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे, जो वर्ष 2022-24 की तुलना में 65.6 प्रतिशत अधिक और वर्ष 2013-14 के आवंटन की तुलना में नौ गुना है। आम बजट 2022-23 में रेलवे को पूंजीगत आवंटन 1.4 लाख करोड़ रुपए था जबकि राजस्व व्यय 3267 करोड़ रुपए तय किया गया था।