रायपुर: छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अक्सर आप जिस गांव को देखते हैं. आखिर उस गांव की असली कहानी क्या है. जिस गांव में छत्तीसगढ़ की अधिकांश फिल्मों की शूट होती है. यहां पिछले दो दशकों से छत्तीसगढ़ी फिल्मों की शूटिंग हो रही हैं. दरअसल राजधानी रायपुर से 22 किलोमीटर दूर देवबलौदा गांव है. अब यह गांव नगर पंचायत में आता है. यह गांव चारो तरफ से ऐतिहासिक मंदिरों से घिरा हुआ है.
गांव की जनसंख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. अब यहां 10 हजार लोग रहते हैं. कुछ कच्चे और अधिकांश मकान पक्के बन गए हैं. लेकिन आज भी गांव की संस्कृति और गांव का वातावरण बदला नहीं है. देव बलौदा के लोग खेती किसानी से जुड़े हुए हैं. शाम होती है घर के बाहर निकल आते हैं. चौके चौराहे पर छोटे बच्चे खेलते नजर आ जाते हैं.
90 साल पुराना है मिट्टी का ये घर
इस गांव में एक 90 साल पुराना मिट्टी का घर है. इस घर को आजादी के पहले मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से बनाया गया है. इस घर के मालिक गांव के दाऊ है. जिसे उस समय मालगुजार भी कहा जाता था. मिट्टी का 3 मंजिला मकान बनाया गया था. जो 90 साल बाद आज भी बेहद मजबूत और खूबसूरत बना हुआ है. इस घर में आज एक छोटा सा परिवार रहता है. लेकिन घर इतना बड़ा है की जब भी कोई फिल्म शूट होती है तो इसी घर की तरफ फिल्म निर्माताओं की नजर पड़ती है.
इस घर में फ्री में हो जाती फिल्मों की शूटिंग
नेमीचंद चंद्राकार के घर में अब तक 14 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इसी घर में छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार अनुज शर्मा की फिल्म शूट हुई है. इसके अलावा राज्य के कई बड़े हीरो की फिल्म घर में आए दिन शूट होती रहती है. चंद्राकार ने बताया कि घर में महीने भर तक फ़िल्मों की शूटिंग चलती है.
लेकिन हम शूटिंग के लिए एक रुपया भी नहीं लेते है. फ्री में ही फिल्मों की शूटिंग होती है. हमे अच्छा लगता है जब फिल्म के स्टार घर में रहते है एक परिवार की तरह. घर फिल्मी स्टूडियो की तरह लगता है. हालाकि घर में फिल्म की कहानी के अनुसार कुछ डिजाइन बनाया जाता है.
घर में बनाया गया दूध खोली
गांव के दाऊ विशाल चंद्राकर ने बताया कि ये घर 90 साल पुराना है. पत्थर और मिट्टी से ये घर बना हुआ है. घर में अबतक कोई दिक्कत नहीं आई है. ऐतिहासिक गांव है. गांव के चारो तरफ पुरानी मंदिर है. शिव जी का पुराना मंदिर है. इसलिए गांव फेमस भी है. हमारे घर में एक दूध खोली बनाया गया है. इसके बारे में लोगों पता नहीं होता है. बिल्लियों से दूध को खतरा होता था. इसके लिए दूध खोली में मिट्टी के बर्तन में दूध को कंडे से गर्म किया जाता था. इस लिए गांव में दूध खोली बनाया जाता है.
सुपर स्टार घर का देसी खाना खाते हैं
इस परिवार की एक और सदस्य पुष्पा चंद्रकार कई फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं. पुप्षा चंद्राकर ने एबीपी न्यूज को बताया कि को अनुज शर्मा मेरे बेटे जैसे हैं. हमारे बच्चों के साथ उनकी दोस्ती है. फिल्म शूटिंग के दौरान एक्टर घर का ही खाना खाते हैं. तो उनके लिए भी घर का देसी खाना बनाया जाता है.अभी एक फिल्म शूटिंग हुई थी फुलवारी तो कलाकार एक महीने तक घर में रुके थे.