जांजगीर- चाम्पा: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीएमएचओ को 7 वर्ष सश्रम कारावास के अलावा दस लाख के जुर्माने व संपत्ति राजसात करने की सजा सुनाई गई है। मामला दस वर्ष पुराना है।
जांजगीर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर 2012 में रामलाल धृतलहरे पदस्थ थे। उनके खिलाफ 26 अगस्त 2012 को आर्थिक अपराध ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति का अपराध दर्ज किया था। जांच में उनके पास बिलासपुर जिले के अमेरी में मकान,जांजगीर में मकान व कार्यालय, कोरबा के कोरबा तहसील में ग्राम खरमोरा में जमीन, रायपुर में मकान, अमेरी में पत्नी के नाम प्लॉट, पत्नी के नाम घुरु मे 8 एकड़ जमीन व पुत्र के नाम घुरु मे 1.96 एकड़ जमीन, पत्नी के नाम ग्राम खरमोरा में जमीन के अलावा गाड़िया व अन्य विलासिता की वस्तुएं, बीमा पालिसियां व बांड पेपर मिले थे। जिस पर आर्थिक अपराध व अनुसंधान ब्यूरो ने सीएमएचओ रामलाल धृतलहरे के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
न्यायालय में 18 गवाहों का परीक्षण करवाया गया। जिसमे पाया गया कि रामलाल धृतलहरे ने अपने सेवा काल मे कुल 1,26,65,366 रुपये की वैध आय प्राप्त की थी। और उनके द्वारा 2 ,31,26, 701. रुपये व्यय किया गया। जो कि वैध साधनों से प्राप्त आय से 1,04, 61,335 रुपये अधिक है। अर्थात वैध आय से लगभग 100 प्रतिशत अधिक उन्होंने खर्च किया था। जिस पर विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार जून ने सीएमएचओ रामलाल धृतलहरे को प्रिवेंशन ऑफ कपरप्शन एक्ट 1988 की धारा 13(1) ई एवं धारा 13-2 के तहत दोषी पाते हुए 7 वर्ष सश्रम कारावास व दस लाख के अर्थदंड से दंडित किया है।
साथ ही उनके नया रायपुर स्थित मकान, टाटीबंध स्थित मकान, खरमोरा ग्राम तहसील कोरबा में पत्नी के नाम खरीदी गई जमीन, बिलासपुर सीएलसी प्लाजा की दुकान,बिलासपुर में स्थित अन्य व्यावसायिक भूमि के अलावा दुर्ग जिले के पाटन तहसील अंतर्गत ग्राम पहंदा की भूमि को राजसात करने का निर्णय पारित किया गया।